मुंबई। बाजार में कोरोना संक्रमण के इलाज की दवा जल्द उपलब्ध होने की उम्मीदें हैं। अगर सब कुछ ठीक-ठाक रहा तो कोविड-19 के मरीजों के लिए वायरस रोधी दवा फैवीपिरावीर बाजार में जल्द आ सकती है। दवा निर्माता ग्लेनमार्क फार्मासूटिकल्स इस दवा का प्रयोगशाला में मई में इसका परीक्षण (क्लिनिकल ट्रायल) शुरू कर सकती है। जिन मरीजों में कोविड-19 के हल्के से मध्यम लक्षण दिखेंगे, उन पर इस दवा का परीक्षण किया जाएगा।
इस बीच, कई अन्य भारतीय कंपनियों ने भी दूसरी दवाओं-जैसे इंटरफेरॉन अल्फा 2बी और रेम्डेसिविर- के परीक्षण की तैयारी भी तेज कर दी है। कैडिला हेल्थकेयर कोविड-19 के लिए इंटरफेरॉन अल्फा 2बी का परीक्षण शुरू करेगी। कंपनी पहले से ही इस दवा का उत्पादन कर रही है। दूसरी तरफ दवा उद्योग के सूत्रों का कहना है कि डॉ. रेड्डïीज लैबोरेटरीज (डीआरएल) एक अमेरिकी दवा कंपनी गिलियड की वायरस निरोधी दवा रेम्डेसिविर बनाने के लिए एक स्वैच्छिक लाइसेंस समझौते पर हस्ताक्षर कर रही है। बेंगलूरु की स्ट्राइड्स फार्मा भी फैवीपिरावीर के लिए मंजूरी प्राप्त करने के लिए आवेदन कर रही है।
ग्लेनमार्क ने कहा कि फैवीपिरावीर के परीक्षण के लिए इस दवा नियंत्रक की मंजूरी मिल गई है। फूजीफिल्म तोयामा केमिकल एविगन नाम से इस दवा की बिक्री करती है। कंपनी ने कोविड-19 के इलाज के लिए फैवीपिरावीर का परीक्षण शुरू कर दिया है और इसका उत्पादन भी बढ़ा दिया है। ग्लेनमार्क मई में देश के विभिन्न केंद्रों में करीब 150 मरीजों पर फैवीपिरावीर के असर का परीक्षण करेगी। सारी तैयारियां पूरी हो चुकी हैं और मई अंत तक इसकी परीक्षण कार्य पूरा हो जाएगा। दवा उद्योग से जुड़े लोगों का कहना है कि अगर कंपनी के परीक्षण को फैविपीरावीर के परीक्षण में सफलता हाथ लगी तो बाजार में यह दवा जल्द ही उपलब्ध कराई जा सकती है। सूत्रों का कहना है कि कई कंपनियां कोविड-19 के लिए दवा बनाने के लिए तैयार हैं और वे ग्लेनमार्क के परीक्षण के नतीजों के आधार पर इसे बाजार में उतार सकती है। सभी को परीक्षण करने की जरूरत नहीं है। इस बार सरकार काफी द्रुत गति से काम कर रही है और दवा बाजार में उतारने की अनुमति देने में भी सारी प्रक्रियाएं तेजी से निपटाई जाएंगी। फैवीपिरावीर दवा की खुराक मरीजों को मुंह से दी जाती है और माना जा रहा है कि इसकी कीमत भी बहुत अधिक नहीं होगी।
इस बीच, बेंगलूरु की स्ट्राइड्स फार्मा ने भारत में फैवीपिरावीर को मंजूरी देने के लिए प्रयास तेज कर दिया है। फैवीपिरावीर का निर्यात करने वाली स्ट्राइड्स भारत की पहली कंपनी बन गई है। हालांकि कंपनी ने भारत में इस दवा के परीक्षण के लिए किसी समय सीमा खुलासा नहीं किया है, लेकिन यह दूसरी दूसरी दवाओं का मूल्यांकन कर रही है, जो कोविड-19 के इलाज में कारगर हो सकती हैं। कंपनी के प्रवक्ता ने कहा कि हम उन दूसरी वायरस निरोधी दवाओं का भी आकलन कर रहे हैं, जो कोविड-19 के लिए इलाज में संभवत: काम आ सकती है। हालांकि फिलहाल इन दवाओं का नाम बताने की स्थिति में नहीं हैं। दवा उद्योग के विशेषज्ञों का कहना है कि किसी दवा को मंजूरी मिलने और बाजार में उपलब्ध होने में 11-12 महीने का वक्त लगता है। दवा विशेषज्ञ एमे चाल्के ने कहा कि चूंकि, कोविड-19 एक असाधारण मामला है, इसलिए प्रक्रिया तेज कर दी गई है और दवा अगले 2-3 महीनों में बाजार में उपलब्ध हो सकती है। कैडिला हेल्थकेयर इंटरफेरॉन अल्फा 2बी के प्रयोगशाल परीक्षण के तैयार कर रही है। कंपनी के एक वरिष्ठï अधिकारी ने कहा कि परीक्षण मई में शुरू होगा। जायडस ने भी कोविड-19 के इलाज में पेगायलेटेड इंटरफेरॉन अल्फा 2बी की भूमिका की जांच के लिए जैव-तकनीकी विभाग से संपर्क किया है।