नई दिल्ली। कोरोना वायरस के संक्रमण से स्वस्थ्य हो चुके बच्चों पर अब नया सिंड्रोम कहर बरपाने लगा है। अमेरिकी वैज्ञानिकों के अनुसार यह मल्टीसिस्टम इंफ्लेमेट्री सिन्ड्रोम बच्चों के हार्ट को काफी ज्यादा नुकसान पहुंचाता है। इससे उन्हें जीवनभर डॉक्टरों की निगरानी में रहना पड़ सकता है। यूनिवर्सिटी ऑफ टेक्सास हेल्थ साइंस सेंटर के विशेषज्ञ डॉ. एलवारो मॉरिया की टीम ने यह अध्ययन किया। शोधदल ने पाया कि एक जनवरी से 26 जुलाई तक दुनियाभर में इस सिन्ड्रोम के 662 मामले दर्ज हुए। इन बच्चों में से 71 प्रतिशत को आईसीयू में एडमिट होना पड़ा। 22.2 प्रतिशत बच्चों को वेंटिलेटर पर रखना पड़ा। अस्पताल में भर्ती रहने की औसत अवधि 7.9 दिन थी। सभी सौ प्रतिशत मरीजों को बुखार था। 73.7 प्रतिशत मरीजों को पेट दर्द या डायरिया, 68.3 प्रतिशत मरीजों को उल्टी की दिक्कत हुई। इनमें 11 बच्चों की मौत हो गई।