नई दिल्ली। कोरोना संक्रमण के खिलाफ जंग में एंटी वायरल दवा रेमडेसिवियर (रेमडेसिविर) रामबाण सिद्ध होगा। रेमडेसिवियर के क्लिनिकल ट्रायल के तीसरे फेज में सकारात्मक परिणाम सामने आने के बाद दुनिया की निगाहें अब इस दवा पर टिक गई हैं। इस बीच अमेरिका के खाद्य एवं औषधि प्रशासन (एफडीए) ने कोरोना वायरस (कोविड-19) के मरीजों का उपचार के दौरान आपातकालीन स्थिति में रेमडेसिविर दवा का उपयोग करने की स्वीकृति प्रदान कर दी है। एफडीए प्रमुख स्टेफन हान ने कहा कि हमने गुलीड (एक दवा कंपनी) को अस्पताल में भर्ती मरीजों के आपातकालीन उपयोग हेतु रेमडेसिविर की आपर्ति के लिए के आवेदन दाखिल करने के लिए अधिकृत किया है। अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने रेमडेसिविर के उपयोग को सही सोच करार दिया और कहा कि इससे बहुत उम्मीद है। गिलीड के कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) डेनियल ओ डे ने घोषणा की कि कंपनी 10.50 लाख दवा की शीशियां दान कर रही है। उन्होंने कहा कि हमने लगभग 10.50 लाख रेमडेसिविर की शीशियां दान करने का फैसला लिया है। हम इस मुद्दे पर काम करेंगे कि सरकार के साथ किस तरह से सर्वश्रेष्ठ योगदान दे सके। गिलीड दवा की आपूर्ति को बढ़ाने को लेकर पूरी तरह से प्रतिबद्ध है। रेमडेसिवियर के क्लिनिकल ट्रायल के मुताबिक, इस दवा ने रोगियों के सुधार समय (इम्प्रूवमेंट टाइम) को 5 दिन कम कर दिया है। यानी रिकवरी 5 दिन कम में ही होने लगती है। अमेरिका में कोविड-19 के लिए इस दवा का ट्रायल जीलेड नाम की कंपनी कर रही है। माना जा रहा है कि अगर ट्रायल पूरी तरह से सफल हुआ तो इससे दुनिया को एक तरह से संजीवनी मिल जाएगी। दरअसल, रेमडेसिवियर एक एंटी वायरल दवा है, जिसे इबोला के इलाज के लिए बनाया गया था। इसे अमेरिकी फार्मास्युटिकल गिलियड साइंसेज द्वारा बनाया गया है। इसी साल फरवरी में यूएस नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ एलर्जी एंड इंफेक्शस डिसीज ने घोषणा की कि वह कोविड-19 के खिलाफ जांच के लिए रिमेडिसवायर का ट्रायल कर रहा है।