नई दिल्ली। कोरोना वायरस से जंग में भारत को बड़ी कामयाबी मिली है। भारत ने ऐसे वेंटिलेटर के परीक्षण में सफलता मिली है जिसे कई मरीजों के लिए इस्तेमाल किया जा सकता है। डीआरडीओ के चेयरमैन सतीश रेड्डी ने कहा कि वेंटिलेटर की कमी की स्थिति में इन वेंटिलेटर्स का इस्तेमाल कई मरीजों के लिए किया जा सकता है। सार्वजनिक उपक्रम भारत इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड अगले महीने के अंत तक ऐसे 5,000 वेंटिलेटर्स का निर्माण कर लेगा। चेयरमैन डॉ. रेड्डी ने कहा कि इन वेंटिलेटर का कई अस्पतालों और कई डॉक्टरों के समूहों की ओर से परीक्षण किया गया है। और यह सही ढंग से काम कर रहा है। मेडिकल एक्सपट्र्स ने हमें सुझाव दिए थे। संभव है कि अगले कुछ दिनों में हम नई विशेषताओं के साथ नए उत्पाद बनाने शुरू कर देंगे।
इस बीच देश में कोरोना वायरस से जुड़े जैसे-जैसे मामले बढ़ रहे हैं, वैसे ही वेंटिलेटर्स की जमाखोरी और अधिक कीमत ऐंठने का गंदा खेल भी शुरू हो गया है। बता दें कि वेंटिलेटर फेफड़ों के नाकाम रहने पर ऑक्सीजन को मरीज के शरीर में पहुंचाता है। कोरोना के गंभीर मरीजों को जिंदा रहने के लिए इसकी जरूरत पड़ सकती है।