नई दिल्ली। एक अध्ययन में यह बात सामने आयी है कि कार्बोहाइड्रेट, रिफाइंड ऑइल और चीनी की वजह से बीमारी ज्यादा होती है और कलेस्ट्रॉल इसके लिए जिम्मेदार नहीं है। रिसर्च से पता चला है कि 60 प्रतिशत से अधिक ऊर्जा वाले कार्बोहाइड्रेट से तैयार खाद्य पदार्थ मृत्यु दर के जोखिम से जुड़ा हुआ है। भोजन में मौजूद कोलेस्ट्रॉल से ब्लड कलेस्ट्रॉल के स्तर पर बहुत कम प्रभाव पड़ता है। इस बारे में पटपडग़ंज स्थित मैक्स बालाजी अस्पताल की कार्डियक कैथ लैब के हेड डॉ. मनोज कुमार बताते हैं कि कोरोनरी धमनी रोग तब होता है, जब दिल की मांसपेशियों में ब्लड सप्लाई करने वाली धमनी कठोर और संकरी हो जाती है। ऐसा कोलेस्ट्रॉल और अन्य सामग्री की मौजूदगी के कारण होता है, जिसे प्लेक कहा जाता है।
यह धमनियों की अंदर की दीवारों पर जम जाता है। इसे अथेरोस्क्लेरॉसिस कहा जाता है। जैसे ही यह बढ़ता है, धमनियों से रक्त का बहना कम हो जाता है। नतीजा यह होता है कि हार्ट की मांसपेशियों को जरूरत के मुताबिक रक्त या ऑक्सिजन नहीं मिल पाता है। इससे सीने में दर्द हो सकता है या हार्ट अटैक आ सकता है।  रिफाइंड ऑइल, चीनी और हाई कार्बोहाइड्रेट युक्त आहार के परिणामस्वरूप ऑक्सिडेटिव तनाव और सूजन हो जाती है। धमनी रोग के लिए कुछ अन्य जोखिम कारकों में धूम्रपान, हाई ब्लड प्रेशर, डायबीटीज या इंसुलिन रेसिस्टेंस और हर वक्त बैठे रहने वाली जीवनशैली शामिल है। इसके लक्षणों में सांस लेने में कठिनाई, घबराहट, दिल की अनियमित धड़कन, दिल तेजी से धड़कना, कमजोरी या चक्कर आना, मिचनी आना और पसीना आना शामिल है।