बिंदुखता। उत्तराखंड के नैनीताल में बच्चे की मौत के बाद झोलाछाप डॉक्टर के खिलाफ स्वास्थ्य विभाग की ओर से कार्रवाई की गई। जब इस कार्रवाई की जानकारी अन्य क्लीनिक वालों को हुई तो पहले ही कई संचालक क्लीनिक बंदकर फरार हो गए।

अपर मुख्य चिकित्साधिकारी डॉ. रश्मि पंत ने जब कार्रवाई की तो सुविधा क्लीनिक के नाम से खोली गई दुकान में बैठे युवक प्रशांत के पास कोई डिग्री नहीं थी और क्लीनिक के आसपास ग्लूकोस की बोतलें और इंजेक्शन के सिरिंज पड़े थे।

स्वास्थ्य विभाग की टीम ने जब कार्रवाई के दौरान एक क्लीनिक पर पहुंची तो वहां लगे बोर्ड के बारे में पूछताछ की. इस दौरान वह उत्तर न दे सका जिसके बाद झोलाछाप पर कार्रवाई करते हुए 20 हजार का चालान और क्लीनिक को सील कर दिया गया।

एक क्लीनिक संचालक से एमबीबीएस का बोर्ड लगाने के बारे में पूछताछ की तो जांच में वह झोलाछाप निकला। उसका 20 हजार रुपये का चालान काटकर क्लीनिक सील कर दिया। इसके अलावा एक और झोलाछाप का चालान काटा।

टीम ने क्लीनिक संचालक का 20 हजार रुपये का चालान कर क्लीनिक सील कर दिया। टीम ने एक और बंद क्लीनिक का 20 हजार रुपये का चालान कर दुकान में नोटिस चस्पा किया। क्लीनिक मालिक को सीएमओ कार्यालय पहुंचने के लिए समय दिया गया है।