उत्तराखंड : उत्तराखंड के रुड़की में नकली दवाएं बनाने वाले रैकेट के तार असली दवा कंपनियों तक पहुंच गए हैं। इस मामले में गिरफ्तार आरोपी ने एसटीएफ को बताया है कि, वह दवा कंपनियों के कर्मचारियों से उनका रिजेक्ट रॉ मैटेरियल और दवाएं खरीदकर नकली दवाएं बनाते थे।
बता दें कि पिछले दिनों पुलिस ने नकली दवा बनाने वाले 6 गोदाम पर कार्रवाई करते हुए पुलिस ने कच्चा माल और एक्सपायरी डेट की दवाएं बरामद की थी।
मामले में पकड़े गए आरोपी नितिन जैन ने पूछताछ में कई खुलासे किए है। आरोपी ने बताया कि, लोकेश गुलाटी के संपर्क में आने पर दोनों ने यह काम शुरू किया। उसके बाद अलग-अलग दवा कंपनियों के कर्मचारियों से सपंर्क किया। जिन कंपनियों में दवा बनाने का कच्चा माल और दवा रिजेक्ट हो जाती थी उसे वह उनसे खरीद लेते थे।
भगवानपुर के मक्खनपुर के निवासी एक व्यक्ति सहित तीन लोगों के नाम बताते हुए आरोपी ने बताया कि उन्हें वे बीस-पच्चीस किलो के कट्टे में एक्सपायरी और कच्चा माल सप्लाई करते थे। इसके अलावा कुछ लोग दूसरे आरोपी लोकेश के संपर्क में भी थे। जिन्हें वह नकली दवा बेचता था। दवाइयों के रैपर तैयार करने का काम भी लोकेश के जिम्मे था।
अलग-अलग कंपनियों के नाम से बने साल्ट को उन्हीं के नाम से दोबारा रैपर में भरकर असली दवा बताते हुए बाजार में सप्लाई करते थे। एसटीएफ के इंस्पेक्टर ऐश्वर्य पाल ने बताया कि आरोपी से पूछताछ व मौके से मिले दस्तावेजों से इस बात का पता लगाया जाएगा कि रिजेक्ट माल और एक्सपायरी दवाएं आरोपी कहां से खरीदते थे। सवाल उठता है कि एक्सपायरी दवाएं नष्ट करने के बजाय आरोपियों तक कैसे पहुंच गई।