गुजरात के राजकोट में थैलेसीमिया से पीड़ित एक मरीज की खून चढ़ाने के बाद मौत हो गई। उसके बाद परिवार ने आरोप लगाया कि बिना फिल्टर किया गया खून चढ़ाया गया था, जिससे एलर्जी हुई और मौत हो गई।

विधि के पिता जितेंद्र पिठवा ने बताया कि पिछले कुछ महीनों से जब भी राजकोट के सरकारी अस्पताल में थैलेसीमिया के मरीजों का ब्लड चढ़ाया जाता है, तो उन्हें एलर्जी, या तो सर्दी, या ब्लड क्लॉट की शिकायत होती है। विधी ने पहले ठंड की शिकायत की थी।

पिठवा ने कहा, इस बार जब उन्होंने खून चढ़ाने के बाद उसके शरीर पर काले धब्बे देखे तो वे शाम को सरकारी अस्पताल पहुंचे। उन्होंने हमें सोनोग्राफी और अन्य रिपोर्ट लाने को कहा। डॉक्टरों ने शिकायतों को गंभीरता से नहीं लिया और हमें घर जाने को कहा। जिसके बाद उसकी मौत हो गई।

इन सभी आरोपों का खंडन करते हुए राजकोट सरकारी अस्पताल के अधीक्षक डॉ. आर.एस. त्रिवेदी ने कहा कि ब्लड चढ़ाने में कोई गलती नहीं हुई है, लेकिन वह मानते हैं कि अस्पताल के पास एलआर मशीन नहीं है, जिसके लिए उन्होंने फंड की मंजूरी के लिए विभिन्न अधिकारियों से मांग की है और वह इसका इंतजार कर रहे हैं।