रांची (झारखंड )। रांची स्थित मेदांता अस्पताल में लातेहार के एक गरीब मरीज को बंधक बना लेने का मामला सामने आया है। अस्पताल प्रशासन का आरोप है कि मरीज का परिवार इलाज के बिल का नौ लाख 85 हजार रुपये अदा नहीं कर पा रहा। वहीं, मरीज के परिजनों का आरोप है कि मरीज को छुट्टी देने की मांग करने पर अस्पताल प्रबंधन ने फर्जी केस में फंसाने की धमकी दी। अब लाचार परिवार ने मुख्यमंत्री रघुवरदास से गुहार लगाई है। यह मामला सोशल मीडिया पर भी खूब वायरल हो रहा है।
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक लातेहार जिले के चोपे गांव निवासी मोहम्मद अयूब अली ऊर्फ को दो महीने पहले मेदांता अस्पताल में भर्ती कराया गया था। उस समय परिवारवालों ने जमीन गिरवी रखकर डेढ़ लाख रुपये जमा कर दिए। तब अस्पताल ने बीमारी के इलाज में डेढ़ लाख रुपये खर्च होने की ही बात कही थी। जब परिवार ने बीपीएल कार्ड होने की बात कही तो अस्पताल ने कहा कि सरकार से प्रतिपूर्ति होने के बाद पैसे वापस कर दिए जाएंगे। बाद में मेदांता अस्पताल ने 2,29,525 रुपये का बिल बनाकर दिया।
मुख्यमंत्री असाध्य रोग योजना के तहत अस्पताल को भुगतान हुआ। आरोप है कि अस्पताल ने पहले से जमा डेढ़ लाख रुपये वापस भी नहीं किए, उल्टे नौ लाख 85 हजार रुपये और मांगे। पैसे न देने पर मरीज को एक महीने से बंधक बनाकर अस्पताल प्रशासन ने रखा है। मुख्यमंत्री को भेजी शिकायत में परिवार ने कहा है कि अस्पताल ने इलाज में भी लापरवाही बरती। ब्लड बैंक ने भी परिवार वालों से 15 हजार रुपये वसूले। अयूब के बेटे मोहम्मद इमदाद के मुताबिक एक दिन बेहोश होने पर पिता को उन्होंने अस्पताल में भर्ती कराया तो डॉक्टरों ने कहा कि सिर में पानी है, सर्जरी करनी पड़ेगी। बाद में एक नर्स ने ऑक्सीजन की पाइप गलत जगह लगा दी जिससे ऑक्सीजन शरीर में फैलने से फूल गया। इमदाद ने कहा कि इलाज में जमीन गिरवी हो चुकी है। अब और पैसे की व्यवस्था कैसे करें।