गर्भवती महिलाओं में अवसाद होने से शिशुओं के दिल और दिमाग को नुकसान हो सकता है। एक शोध में यह दावा किया गया है। शोध के अनुसार गर्भवती महिलाओं में अवसाद, घबराहट और तनाव होने से शिशुओं के दिल को क्षति हो सकती है। साथ ही शिशुओं के दिमाग के कई प्रमुख क्षेत्रों में भी जन्म से पहले ही विकास बाधित हो सकता है। यह शोध जामा पीडियाट्रिक्स में प्रकाशित किया गया है।
गर्भवती महिलाओं का तनाव कम करना जरूरी : चिल्ड्रेन नेशनल हॉस्पिटल द्वारा किए गए शोध में शोधकर्ताओं ने कहा कि इसके निष्कर्षों से इस बात को बल मिलता है कि प्रीनैटल केयर के दौरान गर्भवती महिलाओं में तनाव को कम करना जरूरी है। शिशुओं के दिल और दिमाग को नुकसान से बचाने के लिए गर्भवती महिलाओं में मौजूद तनाव को कम करने के लिए कदम उठाए जाने चाहिए। शोधकर्ता कैथरीन लिंपेरोपोलस ने कहा, हम गर्भवती महिलाओं में मौजूद तनाव और अवसाद के कारण भ्रूण के दिल और दिमाग में पनपने वाली परेशानियों के स्तर को देखकर चौंक गए। हमारे शोध में पहली बार पता चला है कि गर्भावस्था के दौरान तनाव से भ्रूण के दिमाग में सीखने, याददाश्त, समन्वय, सामाजिक और व्यावहारिक विकास पर दुष्प्रभाव पड़ता है।