नई दिल्ली : दिल्ली हाई कोर्ट में एक जनहित याचिका दायर की गई है, जिसमें केंद्र और दिल्ली के श्रम आयुक्त कार्यालय को घरेलू नर्स और घरेलू कामगारों के लिए एक कल्याण बोर्ड गठित करने पर विचार करने के लिए निर्देश देने का अनुरोध किया गया है।
याचिका में कहा गया, कई लोगों को इस शर्त पर काम पर रखा जाता है कि उन्हें 24 घंटे, सातों दिन बिस्तर पर पड़े मरीज की देखभाल करनी होगी और इस कठोर शर्त को मजबूरी में स्वीकार किया जाता है।
घरेलू नर्स को उन पर लगाई गई शर्तों के कारण अपने घर से दूर रहना पड़ता है और मरीज के साथ रहना पड़ता है। यही कारण है कि घरेलू नर्स की सुरक्षा सुनिश्चित करने की आवश्यकता प्रासंगिक हो जाती है।’’
गैर सरकारी संगठन ‘डिस्ट्रेस मैनेजमेंट कलेक्टिव’ द्वारा दायर याचिका में कहा गया है कि महिलाओं के इस वर्ग द्वारा सामना की जाने वाली ‘अनिश्चित स्थिति’ और शोषण की वजह से उसने हाई कोर्ट का रुख किया है।
याचिका में कहा गया है कि देश स्तर पर ऐसी कामकाजी महिलाओं के लिए एक कल्याण बोर्ड गठित करना समय की जरूरत है।
याचिका में संविधान के अनुच्छेद 21 के उल्लंघन पर चिंता जताई गई है, जिसमें गरीब पृष्ठभूमि से आने वाली महिलाओं के लिए सुरक्षित कामकाजी माहौल का अधिकार भी शामिल है।