नई दिल्ली। एसीबी ने नजफगढ़ स्थित चौधरी ब्रह्म प्रकाश आयुर्वेद चरक संस्थान के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर दी है। चरक संस्थान में भर्ती को लेकर धोखाधड़ी का मामला सामने आया है।
भ्रष्टाचार निरोधक शाखा (एसीबी) के अनुसार नजफगढ़ में चौधरी ब्रह्म प्रकाश आयुर्वेद चरक संस्थान में भर्ती प्रक्रिया की गई थी। इसमें कथित अनियमितताएं सामने आई। शिकायत मिलने पर जांच की गई। संस्थान के तत्कालीन अधीक्षक और अन्य अधिकारियों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है।
निदेशक-प्रिंसिपल की शिकायत पर केस दर्ज
यह केस संस्थान के निदेशक-प्रिंसिपल प्रोफेसर विदुला गुज्जरवार की शिकायत पर दर्ज किया गया है। शिकायत में आरोप लगाया गया था कि तत्कालीन कार्यालय अधीक्षक राजेश तंवर ने भर्ती में अनियमितताएं की थीं। स्नातकोत्तर पाठ्यक्रमों के लिए फर्जी और जाली रिपोर्ट बनाई गई। उन्होंने निर्देशों का पालन नहीं किया। स्नातकोत्तर पाठ्यक्रमों के लिए भर्ती फाइलों को लिंक न करके गंभीर अनियमितताएं कीं।
जांच समिति गठित
एसीबी अधिकारी का कहना है कि एसोसिएट प्रोफेसर और असिस्टेंट प्रोफेसर के पदों पर भर्ती में हुई कथित अनियमितताओं की जांच के लिए एक समिति गठित की थी। समिति ने अपनी जांच रिपोर्ट सौंपी है। रिपोर्ट के अनुसार, तंवर ने निर्देशों का पालन न करके और भर्ती फाइलों को लिंक न करके गंभीर अनियमितताएं कीं। हेरफेर और मानदंडों का पालन किए बिना अतिरिक्त रिक्तियों के निर्माण जैसी कई विसंगतियां देखी गईं।
नियुक्ति में की गई धांधली
संयुक्त पुलिस आयुक्त मधुर वर्मा ने बताया कि दो उम्मीदवारों – आलोक कुमार अस्थाना और मुकेश कुमार शर्मा पद के लिए योग्य नहीं थे। पहली जांच समिति ने उन्हें अयोग्य घोषित कर दिया था। इसके बाद, एक दूसरी जांच समिति ने उन्हें पात्र बनाया। साक्षात्कार के लिए शॉर्टलिस्ट किया। बाद में उनका चयन किया गया। उन्हें एसोसिएट प्रोफेसर के रूप में शामिल किया गया।
जांच में आरोप सत्य पाए गए
जांच समिति की रिपोर्ट में बताया गया है कि लगाए गए आरोप सही मिले हैं। सक्षम प्राधिकारी की सिफारिशों के बाद भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की धाराओं के तहत मामला दर्ज किया है। फिलहाल इस मामले की गहनता से जांच की जा रही है।