नई दिल्ली। केंद्रीय औषधि मानक नियंत्रण संगठन की जांच में हिमाचल के छह दवा उद्योगों में निर्मित दवाएं गुणवत्ता मानकों पर खरा नहीं उतर पाई है। इन दवाओं में हाई बीपी, एलर्जी व हृदय रोग के उपचार की दवाएं शामिल है। इन सब-स्टेंडर्ड दवाओं का निर्माण बद्दी, कालाअंब, परवाणू व संसारपुर टैरेस स्थित उद्योगों में हुआ है, जिन्हें राज्य दवा नियंत्रक प्राधिकरण ने कारण बताओ नोटिस जारी करते हुए सब-स्टेंडर्ड दवा उत्पादों का पूरा बैच तत्काल बाजार से हटाने के निर्देश जारी कर दिए है। इसके अलावा सीडीएससीओ की पड़ताल में कोलकाता, सिक्किम, तेलंगाना, हैदराबाद, महाराष्ट्र, राजस्थान, उतराखंड, पंजाब व उत्तर प्रदेश के दवा उद्योगों में निर्मित दवाएं सिरप व इंजेक्शन भी फेल हो गए है। सीडीएससीओ ने मई में देश भर के अलग-अलग राज्यों से 627 दवाओं के सैंपल एकत्रित किए थे, जिनमें से जांच के दौरान 22 दवाएं व इंजेक्शन सब-स्टेंडर्ड पाए गए है, जबकि 605 दवाएं गुणवता के पैमाने पर सही पाई गई है।

दवाइयों के यह सैंपल सीडीएससीओ जोन चैन्नई, कोलकाता, मुंबई,जम्मू, बंगलूरू , मुबंई, ड्रग कंट्रोल डिपार्टमेंट दिल्ली व गुवाहटी ने जांच के लिए जुटाए थे। इनकी जांच सीडीएल चैन्नई ,कोलकाता, आरडीटीएल चंड़ीगढ, गुवाहटी व सीडीटीएल मुबंई में करवाई गई। इस जांच में 22 सैंपल सब-सटैंडर्ड निकले, जिनमें छह हिमाचल के दवा उद्योगों के है। हिमाचल के कालाअंब स्थित उद्योग में निर्मित इनमेसीन आर (इंडोमेथेसिन संस्टेंड कैप्सूल यूएसपी), बद्दी के भुड्ड स्थित उद्योग में निर्मित क्लोपिडोग्रेल और एस्पिरिन टेबलेट, कांगड़ा के संसारपुर टैरेस स्थित उद्योग में निर्मित एमलोडिपिन (लोपिन-5 टैबलेट), नालागढ़ के किश्नपुरा स्थित दवा उद्योग में निर्मित टेल्मिसर्टन और एमलोडिपिन टैबलेट आईपी (टेल्मा-एएम) , परवाणू स्थित उद्योग में निर्मित डाईपिनहाईड्रामीन हाइड्रोक्लोराइड, अमोनियम क्लोराइड, सोडियम साइट्रेट मेन्थॉल सिरप , बद्दी के दवा उद्योग में निर्मित फेक्सोफेनाडाइन हाइड्रोक्लोराइड टैबलेट सबस्टेंडर्ड पाई गई है। राज्य दवा नियंत्रक नवनीत मारवाह ने बताया कि ड्रग अलर्ट में शामिल सभी संबंधित दवा कंपनियों को नोटिस जारी करते हुए पूरा बैच बाजार से हटाने को कहा गया है। इसके अलावा संबंधित क्षेत्रों के एडीसी व ड्रग इंस्पेक्टरों से विस्तृत रिपोर्ट तलब की गई है। उन्होंने कहा कि दवा निर्माण में गुणवत्ता से समझौता किसी भी सूरत में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।