जींद (हरियाणा)। गर्भपात की दवा रखने की शिकायत पर गांव ईगराह में छापा मारने पहुंची स्वास्थ्य विभाग की टीम के सामने आरोपी झोलाछाप एमटीपी किट निगल गया। आरोपी को पुलिस कस्टडी में लेकर नागरिक अस्पताल में भर्ती करवाया गया है। जानकारी अनुसार स्वास्थ्य विभाग को शिकायत मिली थी कि गांव ईगराह के बस स्टैंड पर धर्मजीत गोयत अवैध रूप से अस्पताल चला रहा है। उसके पास चिकित्सा की कोई डिग्री नहीं है। अस्पताल में प्रतिबंधित दवाएं खुलेआम बेची जा रही हैं। इस पर सिविल सर्जन ने डिप्टी सिविल सर्जन डॉ. प्रभुदयाल के नेतृत्व में टीम गठित कर छापा मारने के निर्देश दिए। टीम ने अस्पताल में फर्जी ग्राहक को एमटीपी किट लेने के लिए भेजा। अस्पताल में जाकर फर्जी ग्राहक ने झोलाछाप धर्मजीत से किट मांगी। आरोपी ने किट के एवज में 15 सौ रुपए ले लिए। एमटीपी किट लेकर जैसे ही फर्जी ग्राहक बाहर निकला तो आरोपी झोलाछाप धर्मजीत को वहां छापा पडऩे का शक हुआ। इस पर उसने फर्जी ग्राहक से दवा छीन ली और भाग गया। स्वास्थ्य विभाग व पुलिस कर्मियों की टीम जब उसका पीछा कर रही थी तो आरोपी ने भागते हुए दवा निगल ली। इस बारे में झोलाछाप धर्मजीत का कहना है कि उसके पास किसी प्रकार की कोई किट नहीं थी और न ही उसने कुछ चीज निगली है। उसे रंजिशन फंसाया गया है।
गौरतलब है कि झोलाछाप धर्मजीत ईगराह के बस स्टैंड पर खुशबू जनरल अस्पताल के नाम से अस्पताल चला रहा है। उसने अपने आप को बीएएमएस डॉक्टर बताया हुआ है। स्वास्थ्य विभाग ने जब जांच की तो उसके पास किसी प्रकार की कोई डिग्री नहीं मिली और न ही वो अस्पताल से संबंधित कोई दस्तावेज दिखा पाया। फिलहाल विभाग ने अस्पताल को सील कर दिया है। छापा मारने पहुंची स्वास्थ्य विभाग की टीम को अस्पताल के अंदर भारी मात्रा में दवाएं मिली हैं। विभाग का कहना है कि बिना किसी डिग्री के आरोपी यह दवाएं नहीं रख सकता। बरामद की दवाओं में सामान्य दवाओं के साथ-साथ प्रतिबंधित दवाएं भी शामिल हैं। आसपास के कई गांवों में आरोपी एमटीपी किट बेचने के लिए मशहूर है और कई स्वास्थ्य कर्मी भी इससे जुड़े हुए हैं।