बसखारी (अंबेडकरनगर)। जच्चा और बच्चा की मौत के बाद परिजनों ने अस्पताल में हंगामा कर दिया और चिकित्सकों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की। अस्पताल के चिकित्सक के खिलाफ केस दर्ज कर अस्पताल को सील कर दिया गया है। इसके साथ ही संबंधित चिकित्सक के अल्ट्रासाउंड सेंटर से मशीन को जब्त कर लिया गया।
यह है मामला
छांगुरपुर मिश्रौलिया निवासी रंजना (24) को प्रसव पीड़ा के बाद बसखारी नगर के हरैया चौराहा स्थित आयुष मल्टीपल हॉस्पिटल में दाखिल कराया गया। राजन के अनुसार डॉ. मूलचंद मौर्य ने ऑपरेशन किया तो लडक़ी पैदा हुई। तीन घंटे बाद उसकी तबीयत बिगड़ गई और कुछ देर बाद मौत हो गई। इस पर परिजन अंतिम संस्कार के लिए शव लेकर चले गए, जबकि रंजना अस्पताल में ही भर्ती थी। अंतिम संस्कार कर जब परिजन वापस अस्पताल लौटे तो रंजना भी बेहोश मिली। इस पर चिकित्सक ने निजी एंबुलेंस से उसे जिला अस्पताल भेजा, जहां चिकित्सकों ने भर्ती करने की बजाए उसे राजकीय मेडिकल कॉलेज सद्दरपुर रेफर कर दिया। वहां चिकित्सकों ने काफी देर पहले ही रंजना की मौत होने की जानकारी दी।
अल्ट्रासाउंड मशीन जब्त कर अस्पताल किया सील
घटना के बाद चिकित्सक डॉ. मूलचंद मौर्य अस्पताल बंद कर वहां से फरार हो गया। इस बीच वहां पहुंचे सीएमओ डॉ. राजकुमार व अपर सीएमओ डॉ. रामानंद सिद्धार्थ की मौजूदगी में पुलिस ने अस्पताल को सील कर दिया। चिकित्सक के जय डॉयग्नोस्टिक सेंटर में रखी अल्ट्रासाउंड मशीन को भी जब्त कर लिया। बताया गया है कि यह सेंटर भी अवैध ढंग से संचालित था।
स्वास्थ्य विभाग पर आरोप
स्थानीय लोगों ने इस बीच स्वास्थ्य विभाग पर सवालिया निशान खड़ा कर दिया। उनका कहना है कि हरैया चौराहे के निकट लंबे समय से अवैध ढंग से न सिर्फ धड़ल्ले से अस्पताल संचालित हो रहा था बल्कि बगैर पंजीकरण के डायग्नोस्टिक सेंटर भी संचालित होता रहा। इसकी भनक आखिर स्वास्थ्य विभाग को क्यों नहीं हो सकी। लोगों का आरोप है कि जिले में स्वास्थ्य विभाग के ही चिकित्सकों की देखरेख में ऐसे अस्पताल व सेंटर संचालित हो रहे हैं।
सीएमओ डॉ. राजकुमार ने बताया कि अवैध ढंग से संचालित अस्पतालों व डायग्नोस्टिक सेंटर पर कार्रवाई के लिए अभियान चलाया जा रहा है। अब विशेष टीम का गठन कर जिले में सघन जांच अभियान चलाएंगे।