नई दिल्ली। प्रधानमंत्री भारतीय जन औषधि योजना के मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) विप्लव चटर्जी ने कहा कि सरकार सस्ती दवाओं की सहज उप्लब्धता के लिए ऐमजॉन और फ्लिपकार्ट की तर्ज पर जनऔषधि आपूर्ति शृंखला जल्द ही तैयार करने वाली है। चटर्जी ने बताया कि जनऔषधि नेटवर्क को वेब आधारित ऐप पर लाने के लिए सरकार ने तैयारी कर ली है। इसके सभी भंडारघर और विक्रय केंद्र इस ऐप से जोड़े जाएंगे। इससे उपभोक्ताओं की बिलिंग भी हो सकेगी और इस तरह खपत व जरूरत के आंकड़े ऑटोमैटिक रूप से उपलब्ध हो जाएंगे, जिससे विभाग इन सस्ती दवाओं की आपूर्ति यथाशीघ्र कर पाएगी।
जनऔषधि की अवधारणा पर सेमिनार में जेनरिक दवाइयों को लेकर चटर्जी ने कहा कि सबसे पहले हमें यह समझने की जरूरत है कि दवा एक केमिकल होता है। दवा कंपनियां अपने मुनाफे और मार्केटिंग में सहूलियत के लिए इन रसायनों को अलग से अपना ब्रैंड नाम देती हैं। जैसे पैरासेटामॉल एक सॉल्ट अथवा रसायन का नाम है, लेकिन कंपनियां इसे अपने हिसाब से ब्रैंड का नाम देती हैं और फिर उसकी मार्केंटिंग करती हैं।
उन्होंने कहा कि अंतरराष्ट्रीय मानक के हिसाब से पेटेंट फ्री मेडिसिन को जेनरिक दवा कहा जाता है, लेकिन भारत में सॉल्ट के नाम से बिकने वाली दवा को सामान्य तौर पर जेनरिक माना जाता रहा है। चटर्जी ने कहा कि प्रधानमंत्री भारतीय जनऔषधि परियोजना के अंतर्गत खुलने वाली सभी दवा दुकानों पर विशुद्ध जेनरिक दवाएं उपलब्ध हैं। यहां पर स्ट्रीप पर सॉल्ट यानी रसायन का ही नाम लिखा होता है।