गांधीनगर : सरकार दवा कंपनियों में अनुसंधान को प्रोत्साहित करने के लिए एक नीति पर काम कर रही है, जिसमें इस मुद्दे को भी देखा जाएगा कि उन्हें वित्तीय सहायता कैसे दी जा सकती है.

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मांडविया ने कहा कि केंद्र सरकार दवा क्षेत्र में पेटेंट वाली दवाओं के लिए अनुसंधान को प्रोत्साहित करने के लिए नीति बना रही है. जेनेरिक दवाओं की पहुंच बढ़ाने का भी प्रयास कर रही है.

भारत भले ही बड़े पैमाने पर दुनिया को जेनेरिक दवाएं उपलब्ध करा रहा है, लेकिन देश के लोग ब्रांडेड दवाओं का सेवन कर रहे हैं, जिससे इलाज का खर्चा बढ़ रहा है.

फार्मास्युटिकल (औषधि) सेक्टर पर आयोजित एक कार्यक्रम में मांडविया ने कहा, 10 करोड़ परिवारों के लिए स्वास्थ्य सेवा को सुलभ बनाने की केंद्र की नीति भी फार्मास्युटिकल क्षेत्र के लिए एक अवसर पैदा कर रही है.

उन्होंने कहा, सरकार ने दवा क्षेत्र में अनुसंधान के लिए नीति में ढील दी है, और किसी कंपनी को अनुसंधान करने की अनुमति देने में लगने वाला समय कम कर दिया गया है, लेकिन देश को खुद को जेनेरिक दवाओं के निर्माण तक सीमित नहीं रखना चाहिए, उसे अनुसंधान भी करना चाहिए और विश्व बाजार में पेटेंट की गईं दवाएं भी बेचनी चाहिए.