झारखंड के कटकमसांडी के एक झोलाछाप डॉक्टर से इलाज कराने के कारण  छात्र को अपने हाथों की चार अंगुलियों को गंवाना पड़ा। गलत इलाज के कारण उसकी चारों अुंगलियां कट गई। नचले गांव के रहने वाले बोधन सिंह भोक्ता के बेटे नेमधारी सिंह भोक्ता ने इंजेक्शन लिया था जिसके बाद उसके हाथ में संक्रमण हो गया था।

झोलाछाप डॉक्टर ने उसका इलाज फिर शुरु किया लेकिन हाथ का संक्रमण कम होने के बजाय बढ़ता गया। अंत में जाकर रांची में उसे इलाज के लिए जाना पड़ा लेकिन तब तक बहुत देर हो चुकी थी। वहां के डॉक्टरों ने युवक के हाथों की चार अंगुलियों को काटने की सलाह दी। डॉक्टरों ने युवक के दाहिने हाथ की चार अंगुलियां काटी। युवक ने बताया कि उसे सर्दी और बुखार हो गया था। जिसका इलाज कराने के लिए वो कटकमसांडी के  डाक्टर कार्तिक चंद्र अधिकारी के पास गया। इस डॉक्टर ने युवक के दाहिने हाथ की नस में इंजेक्शन लगा दिया।

जैसे ही इंजेक्शन लगा युवक के हाथ में तेज जलन होने लगी। उसे बताया गया कि दवा हार्ड है इसलिए जलन हो रही है। दूसरे दिन हथेली में सूजन आ गई। झोलाछाप डॉक्टर ने दर्द की टेबलेट दी। तीसरे दिन एक अंगुली काली पड़ गई। चार दिनों में पूरी हथेली काली पड़ गई और वो जलन से परेशान हो गया।

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घबराया हुआ आरोपी झोलाछाप डॉक्टर युवक को रांची के दूसरे डॉक्टर के पास ले गया। रांची में जांच के बाद हाथ में गैंगरीन होने की बात पता चली और तुरंत हाथ के संक्रमित अंगुलियों को काटने की सलाह दी गई। ऐसा नहीं होने पर हाथ काटना पड़ेगा। इसके बाद रांची में चार अंगुलियां काटनी पड़ीं।

डा. भूषण राणा, प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी ने इस मामले पर कहा कि मामले की जांच कराई जाएगी। जांच में दोषी पाए जाने पर कथित चिकित्सक के विरुद्ध कार्रवाई की जाएगी। वहीं आरोपी झोलाछाप डॉक्टर  कार्तिक चंद्र अधिकारी का कहना है कि पंचायत में एक कागज पर जबरन मुझसे मुआवजे के नाम पर 20 लाख रुपये दिए जाने को लेकर हस्ताक्षर कराया गया है, जिसे देने में मैं बिल्कुल असमर्थ हूं। मैं दो लाख रुपये तक भुक्तभोगी युवक को देने के लिए तैयार हूं।