Medical College Tanda: हिमाचल प्रदेश के कांगडा (Kangra) का टांडा मेडिकल कॉलेज (Medical College Tanda)प्लाज्मा एक्सचेंज करने वाला प्रदेश का पहला मे़डिकल कॉलेज बन गया है। हाल ही में यहां प्लाज्मा एक्सचेंज प्रक्रिया से एक युवती का इलाज किया गया है। अब हिमाचल प्रदेश के लोगों को प्लाज्मा एक्सचेंज करवाने के लिए बाहर जाने की जरुरत नहीं पड़ेगी।

हिमाचल में पहली बार प्लाज्मा एफरेसिस प्रक्रिया अपनाकर इलाज हुआ (Medical College Tanda)

प्रोफेसर डॉ भानु अवस्थी ने न्यूरोलाजी और नेफ्रोलाजी विभाग की जमकर तारीफ की। डॉ अवस्थी ने बताया कि  19 साल की युवती को 23 मई को अचानक पीठ दर्द उठा। दर्द इतना अधिक था कि वो अपने शरीर के निचले हिस्से को हिलाने में भी असमर्थ थी। युवती को न्यूरोलाजी विभाग में भर्ती कराया गया। जांच में सामने आया कि युवती के शरीर में हानिकारक एंटीबॉडी बनना शुरु हो गई थी। उसके आटोइम्यून डिसऑर्डर का इलाज किया गया। न्यूरोलाजी के विभाग अध्यक्ष डॉ अमित भारद्वाज और उनकी टीम ने युवती का इलाज शुरू किया।

क्या होता है प्लाज्मा एक्सचेंज 

प्लाज्मा दरअसल खून में पाया जाने वाला तरल हिस्सा होता है। इसमें लाल, सफेद कोशिकाएं और प्लेटलेट्स होते हैं। प्लाज्मा एक्सचेंज में मरीज के खून का प्लाज्मा निकालकर  मशीन में  इसको सेंट्रीफ्यूगेशन तकनीक के जरिए लाल रक्त कोशिकाएं (RBC), सफेद रक्त कोशिकाएं (WBC) और प्लेटलेट्स को प्लाज्मा से अलग कर दिया जाता है। इसके बाद ये खून फिर से मरीज को चढ़ा दिया जाता है। ये प्रक्रिया इसलिए की जाती है ताकि शरीर के हानिकारक एंटीबॉडी को निकाला जा सके।

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