उत्तर प्रदेश सरकार ने राज्य में ट्यूबरक्लोसिस (टीबी) के मामलों की पहचान करने के लिए एक अभियान शुरू किया है।
यह अभियान महीने की प्रत्येक 15 तारीख को टीबी के संदिग्ध मामलों पर फोकस करेगा। इस अभियान को ‘निक्षय दिवस’ का नाम दिया गया है, जिसके तहत राज्य में सभी स्वास्थ्य सुविधाएं संदिग्ध मामलों की जांच और परीक्षण प्रदान करेंगी।
आशा कार्यकर्ता डोर-टू-डोर अभियान चलाएंगी और संदिग्ध मामलों की पहचान करने का प्रयास करेगी।
प्रमुख सचिव चिकित्सा एवं स्वास्थ्य पार्थ सारथी सेन शर्मा ने कहा, आशा कार्यकर्ताओं के अलावा, आंगनवाड़ी कार्यकर्ता, एएनएम, सामुदायिक स्वास्थ्य अधिकारी (सीएचओ) अभियान में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं। मरीजों की पहचान होने के बाद उनका इलाज भी किया जाएगा।
आशा कार्यकर्ता संदिग्ध मामलों को निकटतम स्वास्थ्य एवं कल्याण केंद्रों में लाएगी और सीएचओ उस मामले में प्राइमरी टेस्ट करेंगे। लक्षणों के अनुसार टेस्ट में एचआईवी, डायबिटीज शामिल हो सकते हैं।