लखनऊ। ट्रामाडॉल नशीली दवा की तस्करी करने वाले एक गिरोह का भंडाफोड़ किया गया है। एसटीएफ और खाद्य एवं औषधि प्रशासन ने संयुक्त कार्रवाई करते हुए गिरोह के तीन सदस्यों को गिरफ्तार किया है। तीनों आरोपी ऑनलाइन डेटा एकत्र कर विदेशों में प्रतिबंधित दवाइयां कुरिअर से सप्लाई करते थे।

यह है मामला

एसटीएफ ने प्रतिबंधित नशीली दवाओं की तस्करी करने वाले अंतरराष्ट्रीय गैंग के तीन सदस्यों को चिनहट थानाक्षेत्र स्थित टाटा टेल्को कंपनी के पास से अरेस्ट किया है। तीनों आरोपियों के पास से नशीली दवा ट्रामाडॉल की 13,500 गोलियां बरामद की हैं। बताया गया है कि तीनों तस्कर साहिल उर्फ हैदर अली उर्फ साहिल मुखौटा, अब्दुल्ला सुहैल उर्फ अंधा व मोहम्मद एनफ उर्फ दानिश कालिया राजधानी के मदेयगंज इलाके के रहने वाले हैं।

अंतरराष्ट्रीय स्तर पर नशीली दवाओं की तस्करी

एसटीएफ के डिप्टी एसपी दीपक सिंह ने बताया कि इस गिरोह के सदस्य साहिल के बारे में सूचना मिली थी। बताया गया था कि वह अपने साथियों से चिनहट में टाटा टेल्को कंपनी के गेट के पास मिलने के लिए आएगा। सूचना के तहत एसटीएफ ने खाद्य एवं औषधि प्रशासन विभाग की टीम के साथ मौके पर जाकर दबिश दी और तीनों तस्करों को दबोच लिया। आरोपियों से पूछताछ में पता चला कि उनका गिरोह अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रतिबंधित नशीली दवाओं की तस्करी करता है।

ऐसे करते थे कस्टमर ट्रेस

साहिल व अब्दुल्ला डार्कवेब व व्हाईट वेब वेबसाइट के माध्यम से भारत, यूएसए सहित अन्य कई देशों के ग्राहकों का डाटा जुटाते थे। इसके बाद टेक्स्ट नाउ, सेकंड लाइन एप आदि एप्लीकेशन के जरिये वर्चुअल नंबर प्राप्त करके संपर्क करते।

जिस कस्टमर को नशीली दवाओं की जरूरत होती है, उनसे कैश एप, वेनमो, पेपल जैसे पेमेंट गेटवे के माध्यम से पैसे प्राप्त कर दवाएं उपलब्ध कराते हैं। एसटीएफ ने तीनों तस्करों के खिलाफ चिनहट थाने में केस दर्ज करवाया है। फिलहाल आगामी कार्रवाई अमल में लाई जा रही है।