नई दिल्ली। डायबिटीज को जड़ से खत्म करने में सहायक नई दवा बनाने में वैज्ञानिकों को सफलता मिली है। इस ड्रग थेरेपी में बीटा सेल्स को सक्रिय कर इंसुलिन के प्रोडक्शन को 700 प्रतिशत तक बढ़ सकता है।
डायबिटीज हो सकेगी रिवर्स
गौरतलब है कि अब तक यह माना जाता है कि डायबिटीज को रिवर्स नहीं किया जा सकता है, लेकिन नई थेरेपी से डायबिटीज को रिवर्स किया जा सरता है। चूहों पर इसका प्रयोग शत प्रतिशत तक सफल रहा है। अगर इंसानों पर भी यह सफल रहा तो करोड़ों लोगों के लिए यह वरदान साबित होगी।
अगर पैंक्रियाज स्वस्थ हों तो इसमें से बीटा सेल्स इंसुलिन का सही से उत्पादन करते है और सेल्स खराब हो तो इंसुलिन का प्रोडक्शन कम हो जाता है। आमतौर पर बीटा सेल्स डैमेज हो जाता है या काम नहीं करता। इसी कारण खतरनाक किस्म वाली डायबिटीज के रोगियों को रोजाना इंसुलिन लेना पड़ता है। अब न्यूयॉर्क के माउंड सिनाई और सिटी ऑफ होप के वैज्ञानिकों ने ड्रग थेरेपी के माध्यम से बीटा सेल्स को सक्रिय करने की विधि का चूहों पर सफल प्रयोग किया है।
शरीर में खुद बनने लगेंगे बीटा सेल्स
नई स्टडी में दवा के माध्यम से शरीर के अंदर खुद ही बीटा सेल्स बनने लगेंगे। इसके बाद तीन महीनों के अंदर इंसुलिन का पर्याप्त प्रोडक्शन होने लगेगा। बताया गया है कि इस थेरेपी में दो दवाइयां हैं-हारमाइन जो कुछ पौंधों में पाया जाने वाला नेचुरल कंपाउड है और दूसरी दवा है रिसेप्टर। यह वजन कम करने वाली ओजेंपिक दवाइयां है। वैज्ञानिकों ने इंसान के खराब बीटा सेल्स का चूहे में प्रत्यारोपण किया। इसके बाद इस थेरेपी से इसे टीक किया गया है। अध्ययन में पाया गया कि तीन महीनों के अंदर बीटा सेल्स में 700 प्रतिशत की वृद्धि देखी गई।