अम्बाला, बृजेंद्र मल्होत्रा। नीति आयोग द्वारा जुलाई 2018 में चेयरमैन सत्यनारायण की अध्यक्षता में लिए गए निर्णय का साकार होना निकट लगता है, जिससे आम नागरिक अब बेमौत नहीं मारा जाएगा।
केंद्र सरकार ने नीति आयोग की सिफारिश पर डिजिटल हेल्थ इंडिया के बैनर तले देशभर के रोगियों की निजता को ध्यान में रखते हुए किसी भी रोगी का पूर्ण विवरण आधार कार्ड से लिंक करने के पश्चात केंद्र सरकार के डिजिटल हेल्थ इंडिया पोर्टल पर सुरक्षित रहेगा। रोगी जब भी किसी भी सरकारी या गैर सरकारी अस्पताल में अपने रोग से निजात पाने हेतु जाए, रोगी को उस की बीमारियां डॉक्टर के सामने दोबारा खोलने पड़े। डॉक्टर को इस बारे पूर्ण जानकारी हो कि योगी किस बीमारी से कब से जूझ रहा जाने-अनजाने रोगी अपनी कई बीमारियों को सार्वजनिक करने में संकोच करते हैं। इससे पिछले रिकॉर्ड को यदि देखा जाए तो लाखों लोग इसी कारण मौत के मुंह में चले गए। जो इस डिजिटल हेल्थ इंडिया पोर्टल पर रजिस्टर होने के बाद रोगी को हर तरह से उचित उपचार उपलब्ध करवाने में सहायता मिलेगी, जिससे रोगी मौत के मुंह से वापस सामान्य जिंदगी जीने के लिए सुरक्षित रहेंगे।
डिजिटल हेल्थ इंडिया के पोर्टल पर किसी भी रोगी की हेल्थ पॉलिसी की पूर्ण जानकारी भी उपलब्ध रहेगी। ऐसे में हेल्थ इंश्योरेंस से हो रहे फ्रॉड से भी बचाव मिलेगा। उपरोक्त जानकारी देते हुए डॉ. अरुण कुम्भट, डॉ अमित ने मेडिकेयर न्यूज को बताया कि यह प्रणाली कई देशों में पहले से ही अस्तित्व में है। भारत में इस प्रणाली के चलते आमजन को बेहतर स्वास्थ्य सुरक्षा मिल पाएगी जो केंद्र सरकार का एक अविस्मरणीय तोहफा होगा।