बीबीएन (हिमाचल)। डिप्रेशन, एलर्जी समेत 19 दवाइयां लैब जांच में सब-स्टैंडर्ड पाई गई हैं। यह ड्रग अलर्ट केंद्रीय औषधि मानक नियंत्रण संगठन (सीडीएससीओ) ने जारी किया है।
रिपोर्ट के अनुसार हिमाचल सूबे की 16 दवा कंपनियों में बनी 19 तरह की दवाइयां और सिरप गुणवत्ता मानकों पर खरी नहीं उतरी हैं। राष्ट्रीय स्तर पर अवमानक घोषित किए गए दवा सैंपल में से एक तिहाई दवाएं हिमाचल की दवा कंपनियों से संबंधित हैं।
ये दवाइयां मिली सब स्टैंडर्ड
सीडीएससीओ ने जिन दवाओं को सब-स्टैंडर्ड पाई गई हैं, उनमें डिप्रेशन, एलर्जी, न्यूमोनिया, खांसी, एसिडिटी, मतली, हाई बीपी, जीवाणु संक्रमण, रक्त के थक्के, दर्द और सूजन, गठिया, सिरदर्द, क्रोनिक ब्रोंकाइटिस, हार्ट फेल, पेट के अल्सर, एंटीफंगल रोग जैसी बीमारियों के उपचार की दवाए शामिल हैं।
कालाअंब स्थित फार्मा कंपनी में निर्मित एलेर्नो टैबलेट भी मासिक डर्ग अलर्ट में शामिल है। इस कंपनी की एलर्जी के उपचार की दवा को विघटन के कारण मानक के रूप में लेबल किया गया है। बता दें कि इस फार्मा के कफ सिरप ने 2020 में जम्मू-कश्मीर के उधमपुर में कई मासूमोंं की जान ले ली थी।
अन्य राज्यों में बनी 47 दवाओं के सैंपल भी जांच में फेल
सीडीएससीओ ने मार्च माह के ड्रग अलर्ट में खुलासा किया है कि इन दवाओं का निर्माण बद्दी, परवाणू, कालाअंब, पांवटा साहिब, बरोटीवाला स्थित दवा उद्योगों में हुआ है। वहीं, देश के अन्य राज्यों के दवा उद्योगों में बनी 47 दवाओं के सैंपल भी जांच में फेल हो गए हैं।
दवा कंपनियों को कारण बताओ नोटिस जारी
राज्य दवा नियंत्रक मनीष कपूर ने बताया कि संबंधित दवा कंपनियों को कारण बताओ नोटिस जारी करते हुए संबंधित बैच का पूरा स्टॉक वापस मंगवाने के निर्देश दिए गए है। जिन उद्योगों के बार-बार सैंपल फेल हो रहे हैं, उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई अमल में लाई जा रही है।
ये दवा उत्पाद सब-स्टैंडर्ड
सब-स्टैंडर्ड घोषित की गई दवाओं में रिफैक्सिमिन टैबलेट 200 मिलीग्राम, डिक्लोफेनाक, पेरासिटामोल और के दो अलग-अलग बैच की दवाएं, सेराटियोपेप्टिडेज़ टैबलेट, मोंटोर-एलसी, एसेक्लोफेनाक, टेलवेर्ज एच, ओपी सोप्रोएट टैबलेट, शामिल हैं।
इनके अलावा, एक्सि लो-ओज़ टैबलेट, सैलुजिंक- 20 टैबलेट, एनालाप्रिल मैलेट टैबलेट, डोमिपेन टैबलेट, रैबेप्राज़ोल सोडियम गैस्ट्रो-रेसिस्टेंट, ट्रॉयपॉड 200 टैबलेट, एलेर्नो टैबलेट और लुटोल टैबलेट ड्रग अलर्ट में शामिल हैं।