नई दिल्ली। डिप्रेशन की दवा अल्प्राजोलम अल्प्राजोलम बनाने वाली अवैध फैक्ट्री का भंडाफोड किया गया है। वहीं तीन आरोपियों को भी गिरफ्तार किया गया है। यह कार्रवाई यूपी के गजरौला में स्पेशल सेल ने नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो की मदद से की। आरोपियों की पहचान रचित कुमार, नमित चौधरी और राजेंद्र गौड के तौर पर हुई है।
टीम ने फैक्ट्री से 700 किलो कच्चा माल जब्त किया है। इससे एंजाइटी की दवा ‘अल्प्राजोलम’ को तैयार किया जाना था। इसके अलावा फैक्ट्री से 4.720 किलोग्राम हाई क्वॉलिटी वाला साइकोट्रोपिक पदार्थ अल्प्राजोलम जब्त किया है। इसकी कीमत एक करोड़ रुपये बताई गई है। बता दें कि अल्प्राजोलम एक असरकारक दवा है जो पैनिक डिसऑर्डर और डिप्रेशन के इलाज के लिए दी जाती है।
एयरपोर्ट पर पकड़ा था पार्सल
डीसीपी अमित कौशिक, स्पेशल सेल के अनुसार 25 अप्रैल को एक टीम ने दिल्ली एयरपोर्ट पर कूरियर कंपनी के एक वेयर हाउस में इस रैकेट से जुड़े एक सदस्य की तरफ से भेजे गए संदिग्ध पार्सल को पकड़ा था। चेक करने पर उसमें साइकोट्रोपिक पदार्थ निकला।
जांच के दौरान पुलिस ने हरिद्वार में छापेमारी कर कथित पार्सल बुक करने वाले शख्स रचित को पकड़ा। उसके घर से 1.006 किलोग्राम साइकोट्रोपिक पदार्थ अल्प्राजोलम वाला एक पैकेट बरामद किया गया। टीम ने आरोपियों की गिरफ्तारी के बाद यूपी के गजरौला स्थित टपकेश्वर मंदिर के पास फैक्ट्री पर रेड की गई। यह फैक्ट्री अवैध रूप से चल रही थी। फैक्ट्री का मालिक अभी फरार बताया जा रहा है।
कीटनाशक बनाने के बहाने चल रहा था गोरखधंधा
पुलिस का कहना है कि फैक्ट्री की शुरुआत में आसपास के लोगों को बताया गया था कि वह फसलों में छिडक़ने वाली कीटनाशक बनाने का काम करते हंै। नमित फैक्ट्री के मालिक से अल्प्राजोलम खरीदता था और उसे रचित तक पहुंचाता था। रचित कुमार हरिद्वार में एक दवा कंपनी में लेबर उपलब्ध कराता था।
वह हरिद्वार में एक रेस्तरां का मालिक था। नमित ने दवा बनाने में इस्तेमाल होने वाले कच्चे माल को इक_ा कर सप्लाई करना शुरू कर दिया। लाभ कमाने के लिए आगे राजेंदर गौड़ उर्फ राजू को सप्लाई शुरू की गई।