रायपुर। छत्तीसगढ़ के एक मात्र डीकेएस शासकीय सुपरस्पेशियलिटी अस्पताल में आज तक जेनेरिक दवाओं के लिए जन औषधि केंद्र नहीं खुला है। ऐसे में मरीजों को बेहद सस्ते दर पर मिलने वाली जेनेरिक दवाओं की सुविधा से वंचित होना पड़ रहा है। डीकेएस अस्पताल प्रबंधन से मिली जानकारी के मुताबिक यहां अस्पताल परिसर में करीब ढाई साल से निजी दवा दुकान का संचालन किया जा रहा है। डीकेएस सुपरस्पेशियलिटी अस्पताल रायपुर के सह अधीक्षक -डा. हेमंत शर्मा के मुताबिक डीकेएस में दो वर्ष से अधिक समय से प्राइवेट मेडिकल स्टोर का संचालन हो रहा है। इसकी अनुमति सीजीएमएससी ने दी है।
गाइड लाइन के तहत यहां पर दवाओं में छूट दिया जाता है। जहां तक जनऔषधि केंद्र की बात है यह खुलना चाहिए। राज्य नोडल अधिकारी -अनिश वोडितेलवार ने बताया कि गाइड लाइन के आधार पर प्रत्येक सरकारी अस्पतालों में जनऔषधि केंद्र का संचालन किया जाना है। राजधानी समेत राज्य के जिला अस्पतालों और सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों में 220 जनऔषधि केंद्र संचालित हैं। सरकार द्वारा 700 तरह की दवाएं 90 फीसद तक छूट पर उपलब्ध कराई जाती हैं। यहां मरीजों को 50 से 58 फीसद तक दवाओं में छूट देने की बात तो कही जाती है। बावजूद मरीजों को वह लाभ नहीं मिल पा रहा है, जो जन औषधि केंद्र से मिल पाता।
डीकेएस अस्पताल पहुंचने वाले हिमांशु साहू, मनीष कुमार, जयराम दुबे ने बताया कि डीकेएस अस्पताल में संचालित मेडिकल स्टोर में कुछ दवाओं में तो छूट दिया जाता है। लेकिन अधिकांश दवाएं बाजार मूल्य के आधार पर ही दी जाती है। जबकि प्रधानमंत्री भारतीय जनऔषधि परियोजना के तहत जनऔषधि केंद्रों में जेनेरिक दवाओं में 90 फीसद तक छूट मिलती है। बता दें कि प्रदेशभर से यहां पर गरीब तबके के मरीज अधिक पहुंचते हैं। ऐसे में जन औषधि केंद्र की सुविधा नहीं होने मरीजों को दवाओं के लिए अधिक राशि देनी पड़ रही है। कई मरीज ऐसे भी हैं, जो पैसे नहीं होने की वजह से दवाएं ही नहीं खरीद पा रहे।
डीकेएस अस्पताल में जनऔषधि केंद्र खोलने की बजाय निजी दवा दुकान को संचालन के लिए अनुमति देना प्रशासन की नियत पर ही सवाल उठ रहा है। गौरतलब है कि राज्य के सबसे बड़े डा. भीमराव आंबेडकर मेमोरियल अस्पताल, जिला अस्पताल में जनऔषधि केंद्र खुले हैं। वहीं जिले में 12 जनऔषधि केंद्र का संचालन किया जा रहा है। जबकि प्रदेशभर में 220 जनऔषधि केंद्रों का संचालन हो रहा है। जनऔषधि केंद्र के स्टेट नोडल अधिकारी ने बताया कि यहां पर 700 तरह की जेनेरिक दवाएं बेहद कम दर पर मरीजों के लिए उपलब्ध कराई जा रही है।