हैदराबाद। डीसीए ने मेडिकल स्टोरों पर रेड कर अधिक कीमत और भ्रामक दावे वाली आयुर्वेदिक दवाइयां जब्त की हैं।
निमोनिया और मधुमेह के इलाज का दावा करने वाली आयुर्वेदिक दवाइयों को बरामद कर उनकी बिक्री को रोका गया है। डीसीए के अनुसार इन आयुर्वेदिक दवाओं के लेबल पर भ्रामक दावे किए गए थे। इसमें झूठा दावा किया गया था कि वे निमोनिया और मधुमेह का इलाज करते हैं।
आयुर्वेदिक दवाएं जब्त
ड्रग्स कंट्रोल एडमिनिस्ट्रेशन (डीसीए) ने भ्रामक और आपत्तिजनक विज्ञापनों के साथ बाजार में बेची जाने वाली दवाओं का पता लगाने के लिए एक विशेष अभियान चलाया। इस अभियान के दौरान अधिकारियों ने भ्रामक विज्ञापन देने पर आयुर्वेदिक दवाएं जब्त की
यह है मामला
अधिकारियों ने आसिफाबाद जिले में अधिक कीमत वाली दवाएं जब्त की हैं। उन्होंने एक मेडिकल दुकान पर छापेमारी के दौरान ऐंटिफंगल दवा ज़ाइटाज-पीटी इंजेक्शन (पिपेरासिलिन और टैज़ोबैक्टम इंजेक्शन आईपी) जब्त किया। यह 146 रुपये से अधिक कीमत पर बेचा जा रहा था ।
हिमाचल प्रदेश के प्रॉसपेरिटी 6 फ़ार्मास्युटिक्स द्वारा निर्मित इंजेक्शन को मूल्य उल्लंघन में बेचा जाना पाया गया। पिपेरासिलिन 4000 मिलीग्राम और टैज़ोबैक्टम 500 मिलीग्राम युक्त इंजेक्शन पर लेबल पर 546 छपा था, जबकि दवा की वास्तविक अधिकतम कीमत 399 थी। जीएसटी जोडऩे पर भी, दवा की कीमत प्रति शीशी 98 रुपये अधिक थी। “फर्म ने उत्पाद की कीमत अधिक रखी।
इसने प्रति शीशी 98.84 रुपये अधिक वसूले, जो ड्रग्स (मूल्य नियंत्रण) आदेश, 2013 का उल्लंघन है नारायणपेट में एक दुकान पर अलग से छापेमारी में डीसीए अधिकारियों ने एक आयुर्वेदिक दवा ‘आयु आरसी’ सिरप जब्त किया, क्योंकि उस पर भ्रामक विज्ञापन बनाकर दावा किया गया था कि यह गुर्दे की पथरी का इलाज करती है।