रांची : अगर किसी व्यक्ति में डिप्रेशन के लक्षण हैं या उसके डिप्रेशन से पीड़ित होने की आशंका है, तो स्पेशल डिवाइस वाले हेडबैंड या टोपी से इसकी सूचना मिल जायेगी।
इस नायाब डिवाइस को रांची स्थित मशहूर मानसिक चिकित्सालय सेंट्रल इंस्टीट्यूट ऑफ साइकियाट्री के डॉ निशांत गोयल, बीआईटी के डॉ राकेश सिन्हा और रांची के ट्रिपल आईटी की लेक्च रर शालिनी महतो की टीम ने मिलकर डेवलप किया है।
इस डिवाइस का नाम हाइब्रिड डिप्रेशन डिटेक्शन सिस्टम है। डिवाइस को केंद्र सरकार की एमएसएमई मिनिस्ट्री ने स्टार्टअप के तौर पर 15 लाख रुपये की आर्थिक सहायता मंजूर कर ली है।
गौरतलब है कि स्टार्टअप के नये और इनोवेटिव आइडिया पर काम करने के लिए केंद्र सरकार की एमएसएमई मिनिस्ट्री ने कुछ वर्ष पहले आर्थिक सहायता की योजना शुरू की है।
इसके लिए झारखंड टूल रूम से इस वर्ष 19 आइडिया का प्रस्ताव केंद्र के पास भेजा गया था। इनमें से दो प्रस्तावों को मंजूरी मिली है। एंटी डिप्रेशन डिवाइस का यह आइडिया उनमें से एक है।