लखनऊ। राजधानी लखनऊ के किंग जॉर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी (केजीएमयू) में जूनियर डॉक्टरों और कर्मचारियों का विवाद तूल पकड़ने लगा है। कैंपस में तोडफ़ोड़ व रिवॉल्वर तक निकाल ली गई। वहीं स्टाफ ने ओपीडी से लेकर ट्रामा सेंटर तक की सेवाएं ठप कर दीं। दिनभर बवाल चला। ऐसे में समय पर इलाज न मिलने से जहां दो मरीजों की मौत हो गई, वहीं हजारों मरीज लौट गए। इस दौरान कैंपस में फोर्स तैनात कर दी गई है। गौरतलब है कि पीआरओ भवन के पैथोलॉजी काउंटर पर रक्त जांच को लेकर कर्मचारी व एमबीबीएस छात्र के बीच कहासुनी हो गई थी। ऐसे में छात्रों ने काउंटर नंबर छह पर तैनात कर्मियों के साथ मारपीट की। कर्मचारी संघ ने दोषी एमबीबीएस छात्र पर एफआइआर को लेकर कार्य बहिष्कार का ऐलान कर दिया।
वहीं, सैकड़ों छात्रों ने वीसी कार्यालय पर कर्मियों पर अभद्रता का आरोप लगाकर प्रदर्शन किया। छात्रों व इंटर्न चिकित्सक के प्रदर्शन की भनक लगते ही सैकड़ों कर्मचारी भी जुट गए। प्रशासनिक भवन के पास दोनों के बीच धक्का-मुक्की हुई। इसमें कर्मचारी संघ के महामंत्री प्रदीप गंगवार चोटिल भी हुए। कर्मचारी संघ के अध्यक्ष विकास सिंह व महामंत्री ने एक जूनियर डॉक्टर पर रिवाल्वर निकाल कर धमकाने व मारपीट का आरोप लगाया। वहीं एमबीबीएस छात्रों ने भी कर्मियों पर पथराव, अभद्रता व मारपीट का आरोप लगाया है। केजीएमयू के कुलपति प्रो. एमएलबी भट्ट का कहना है कि मरीजों की मौत की जानकारी नहीं है। मैंने एमबीबीएस छात्रों व इंटर्न से बातचीत की थी। कर्मचारियों को भी बुलाया, मगर वह वार्ता के लिए आने के बजाय ओपीडी व ट्रामा बंद कराने चले गए। यह बिल्कुल ठीक नहीं था। मामला बढ़ता देख जिला प्रशासन को सूचना दे दी थी।