पानीपत। हरियाणा में एक महिला डॉक्टर की लापरवाही एक गर्भवती महिला पर भारी पड़ गई। डॉक्टर ने महिला का ऑपरेशन करते समय उसके पेट में सर्जिकल स्पंज छोड़ दिया जिससे महिला की जान पर बन आई। पेट दर्द के चलते जब महिला का दूसरे अस्पताल में इलाज कराया तो इस बात का पता चला। महिला और उसके परिवार ने थाना शहर पुलिस को शिकायत दी। सीएम विंडो पर भी शिकायत दर्ज कराई। लापरवाही का यह बड़ा मामला पानीपत के बरसत रोड स्थित निजी अस्पताल का है। इस मामले की जांच के लिए पानीपत के सिविल अस्पताल के प्रिंसिपल मेडिकल आफिसर ने डॉक्टरों की कमेटी गठित की। इस कमेटी की रिपोर्ट के आधार पर पुलिस ने महिला डॉक्टर पर केस दर्ज किया है। आरोप तीन डाक्टरों पर था। जांच के बाद दो डाक्टर बाहर हो गए।
पानीपत के बरसत रोड स्थित एंजल केयर अस्पताल में 28 सितंबर 2021 को कोमल नाम की गर्भवती महिला को भर्ती कराया। उसकी सर्जरी हुई। उसने बेटी को जन्म दिया। डा. अर्चना चौहान व डा. वरुण चौहान ने आपरेशन किया था। इन्होंने बताया कि आपरेशन ठीक हुआ। उसे 30 सितंबर 2021 को घर भेज दिया गया। इसके कुछ दिनों बाद ही उसके पेट में दर्द महसूस होने लगा। दर्द बढ़ गया तो नौ नवंबर 2021 को परिवार वाले उसे फिर से एंजल केयर अस्पताल ले आए। उसी दिन दाखिल कर लिया। इन्हीं दोनों डाक्टरों ने उसे सनौली रोड स्थित गर्ग डायग्नोसिटक सेंटर से अल्ट्रासाउंड कराने को कहा। जब उन्होंने गर्ग डायग्नोसिटक के डाक्टर साहिल गर्ग से अपनी रिपोर्ट बारे पूछा तो उन्होंने कहा कि कोई ज्यादा परेशानी नहीं है। फिर एंजल अस्पताल में भर्ती करवा दिया गया।
11 नवंबर 2021 को छुट्टी कर दी। हमें बताया कि पेट में पिछले आपरेशन के कारण थोड़ी सी पस पड़ गई थी, जोकि आम बात है। इंजेक्शन के माध्यम से निकाल दी है। इसके बाद में घर आ गई। 13 नवंबर 2021 को पेट में फिर से बहुत दर्द हुआ। पेट में जहां टांके लगे हुए थे, वहां से पेट फट गया। पस व खून बहने लगा। स्वजन तभी उसे सेक्टर 11 स्थित जीसी गुप्ता अस्पताल ले गए। हालत ज्यादा खराब होने के कारण उन्होंने आपरेशन के लिए दाखिल कर लिया। डा. जीसी गुप्ता व उनकी टीम ने आपरेशन किया। डाक्टर ने बताया कि पिछले आपरेशन में डाक्टर ने पेट में पट्टियां व सर्जिकल स्पंज छोड़ दिया था। उनके अंदर रहते हुए ही पेट में टांके लगा दिए थे। अल्ट्रासाउंड में ही सभी बातें साफ-साफ पता लग रही हैं, लेकिन इसे छिपाया गया।
पीएमओ डा.संजीव ग्रोवर ने मामले की जांच के लिए कमेटी गठित की। इसमें सीनियर मेडिकल आफसर डा.शाम लाल, मेडिकल आफिसर डा.लिपिका बंसल, इंडियन मेडिकल एसोसिएशन पानीपत से डा.अंजली बंसल, नीमा से डा.विश्वजीत सिंह को शामिल किया गया। डिस्ट्रिक्ट नेगलिजेंसी बोर्ड ने अपनी रिपोर्ट सौंपी है। डा.संजीव ग्रोवर ने बताया कि हर जिले में इस तरह के मामलों की जांच के लिए बोर्ड बना हुआ है। पुलिस को रिपोर्ट सौंप दी है। उसी आधार पर केस दर्ज हुआ होगा। एक डाक्टर की लापरवाही सामने आई थी।
कमेटी की इस तरह जांच चली
1- कोमल के बयान दर्ज किए गए। चार पेज के बयान जमा हुए। उसने कहा कि जो पुलिस को बयान दिए हैं, वह उसी बात पर कायम है।
2- छह जनवरी 2022 को डा.अर्चना को जांच कमेटी ने बुलाया। लेकिन उनकी तबीयत ठीक नहीं थी। इसी बीच, सीएम विंडो पर भी शिकायत दर्ज हुई।
3- डा.अर्चना और डा.वरुण कमेटी के सामने आए। इन्होंने अपने बयान सहित 30 पेज प्रस्तुत किए। डा.वरुण ने बताया कि वह प्लास्टिक सर्जन हैं। उन पर आरोप गलत लगाया गया है।
4- 27 जनवरी को डा.अर्चना चौहान ने कहा कि आपरेशन किया गया था। मरीज को दिक्कत थी। उसे अस्पताल में ही दाखिल रहने की सलाह दी गई थी। लेकिन वे नहीं माने। दर्द होने पर दोबारा आए तो अल्ट्रासाउंड कराया गया। इलाज किया गया। साथ ही कहा कि जरूरत पड़ने पर कभी भी आ सकते हैं।
5- एक फरवरी 2022 को डा.जीसी गुप्ता ने बयान दिए कि कोमल का अस्पताल में आपरेशन किया गया था। सफाई करते हुए पेट से सर्जिकल स्पंज निकले थे। वीडियोग्राफी नहीं कराई गई। स्पंज को सुबूत के तौर पर नहीं रखा। उनसे दोबारा बात की गई तो उन्होंने पुराने बयान को ही दोहराया। साथ ही कहा कि वह अपने अनुभव के आधार पर कह सकते हैं कि मरीज के पेट में सर्जिकल स्पंज था।
6- मरीज का एक स्वजन आपरेशन के दौरान मौजूद था। कोमल के भाई अभिषेक ने जागरण से बातचीत में कहा कि वह आपेरशन के समय मौजूद था। उसके पास सभी सुबूत हैं।
7- अल्ट्रासाउंड करने वाले डा.साहिल गर्ग ने अपने बयान में कहा कि उन पर गलत आरोप लगे हैं। यह कहना मुश्किल है कि सर्जिकल स्पंज था।
8- डा.जीसी गुप्ता अस्पताल में डा.मंजीत, ओटीए राजिंद्र सिंह मलिक ने कहा कि सर्जिकल स्पंज था।
9- कमेटी अपने नतीजे पर पहुंची की जांच के बाद मरीज को अस्पताल में दाखिल रहने की सलाह दी गई थी। लेकिन मरीज और परिवार ने इन्कार कर दिया। दोबारा फिर दाखिल हुई लेकिन आराम नहीं हुआ। डा.जीसी गुप्ता अस्पताल में आपरेशन हुआ। आपरेशन के दौरान सर्जिकल स्पंज निकला। डा.अर्चना चौहान ने लापरवाही बरती है।
10- पुलिस ने डाक्टर अर्चना चौहान पर धारा 337 के तहत केस दर्ज किया है।