जगदलपुर (छत्तीसगढ़)। राज्य के सरकारी अस्पतालों और मेडिकल कॉलेज के डॉक्टर अब दिन में सिर्फ तीन घंटे ही निजी प्रैक्टिस कर सकेंगे। वह भी सिर्फ खुद के हॉस्पिटल या क्लीनिक में। हालांकि छुट्टी वाले दिन 5 घंटे की निजी प्रैक्टिस की छूट दी गई है। सरकार के नई वयवस्था के बारे में नोटिफिकेशन जारी कर दिया है। इससे पहले डॉक्टर ड्यूटी टाइम के बाद निजी प्रैक्टिस कर सकते थे। इसमें समय की बाध्यता नहीं थी। लेकिन आपात सेवा में काम करने वाले डॉक्टर किसी तरह की निजी प्रैक्टिस नहीं कर पाएंगे।
सीएमएचओ, सिविल सर्जन जैसे प्रशासनिक जिम्मेदारी देख रहे डॉक्टर भी प्राइवेट प्रैक्टिस नहीं कर सकेंगे। जो डॉक्टर निजी प्रैक्टिस नहीं कर रहे हैं, उन्हें प्रोत्साहन स्वरूप मूल वेतन का 25 प्रतिशत अव्यावसायिक भत्ते के तौर पर दिया जाएगा। गौरतलब है कि बिलासपुर के सिम्स में दो साल पहले लक्ष्मी नाम की एक बच्ची की मौत हो गई थी। इस मामले में एक पीआईएल हाईकोर्ट में लगाई गई थी। पिछले साल हाईकोर्ट ने सरकारी डॉक्टरों के निजी प्रैक्टिस करने मामले में दिशा-निर्देश जारी किए थे। इन्हीं के पालन में वित्त विभाग ने डॉक्टरों की प्राइवेट प्रैक्टिस के लिए कई नए नियम बनाए थे जिसे अब अमलीजामा पहनाया गया है।