रोहतक । एक मासूम नवजात बच्ची के पांव जला देने वाले रोहतक के एक नामी गिरामी डाक्टर को इलाज में लापरवाही बरतने के एवज में पूरे 15 लाख रूपये की चपत पड़ी है । रोहतक के सत्र न्यायालय ने इस डाक्टर को लापरवाही से इलाज करने का दोषी माना है । बच्ची 40 फीसदी अपंग हो गई है , जिसकी भरपाई के लिए न्यायालय ने दोषी डाक्टर को आदेश दिया है कि वह बच्ची के भविष्य के लिए उसके अभिभावकों को 15 लाख रूपये का मुआवजा दे ।
गौरतलब है कि रोहतक के छोटूराम पार्क चौक पर स्थित सांघी नर्सिंग होम के संचालक डा.अनिल सांघी पर स्थानीय गांधी कैंप निवासी गगन पुत्र मनोहर लाल ने आरोप लगाया था कि उसकी नवजात बच्ची अस्पताल में इलाज के दौरान अपंग बना दी गई । आरोप है कि इलाज करते समय बच्ची को मशीन से इतनी अधिक हीट दे दी गई कि बच्ची के दोनों पांव व हाथ के कुछ हिस्से बुरी तरह झुलस गये और बच्ची के शरीर पर गहरे जख्म बन गये ।
गगन के मुताबिक उसकी पत्नी राखी ने 06/01/2011 को झज्जर रोड़ रोहतक स्थित जैन नर्सिंग होम में एक बच्ची को जन्म दिया था । बच्ची की सेहत शुरू से ही कुछ नासाज थी । ठीक न होने पर जैन अस्पताल के डाक्टर ने बच्ची को शिशु रोग विशेषज्ञ को दिखाने की सलाह दी और डाक्टर की रॉय पर वे बच्ची को 12/01/2011 को सांघी नर्सिंग होम में ले गये । बच्ची 10 दिन तक वहां भर्ती रही । दिनांक 21/01/2011 को डा. अनिल सांघी ने अचानक उसे बताया कि बच्ची के हाथ पांव इलाज के दौरान हीट देते समय झुलस गये हैं । इस पर गगन ने आर्य नगर थाने में लापरवाही से बच्ची को जला डालने का केस दर्ज करा दिया । बाद में गगन व उसका परिवार बच्ची को पीजीआईएमएस रोहतक ले गये , जहां डाक्टरों ने जांच के बाद अपनी रिपोर्ट में बताया कि बच्ची लापलवाही के कारण जली है । डाक्टरों ने बाद में यह भी बताया कि बच्ची जीवन भर के लिए 40 फीसदी अपंग हो गई है ।
उल्लेखनीय है कि रोहतक की सिविल कोर्ट ने दिनांक 28/02/2017 को डा. सांघी को आरोप मुक्त कर दिया था , जिसके खिलाफ बच्ची के पिता गगन ने 28/03/2017 को सत्र न्यायालय ने अपील दायर की । सत्र न्यायालय ने तमाम गवाहों व सबूतों का अवलोकन करने और वकीलों की जिरह सुनने के बाद सिविल कोर्ट के फैसले को पलट दिया है और डा. अनिल सांघी और उनके अस्पताल को घोर लापरवाही का दोषी छहराया है । सत्र न्यायालय ने सिविल कोर्ट की भी खिंचाई की है कि उसने तथ्यों व गवाहियों को नजरअंदाज करके फैसला दिया है ।
गौरतलब है कि सांघी नर्सिग होम के खिलाफ इलाज में लापरवाही का यह कोई पहला मामला नहीं है । रूद्र नामक एक मासूम शिशु की इसी अस्पताल में कुछ माह पहले हुई मृत्यु का म़ामला अभी भी पूरी तरह गर्म है । इस बालक की मौत से खफा अभिभावक व अनेक नागरिक पिछले कई दिन से डा. सांघी की गिरफ्तारी की मांग को लेकर अस्पताल के बाहर धरना दिये बैठे हैं , लेकिन नागरिक व पुलिस प्रशासन कोई एक्शन नहीं ले रहा ।