अंबाला/ असम (बृजेन्द्र मल्होत्रा)। केमिस्ट एन्ड ड्रगिस्ट एसोसिएशन आसाम को राष्ट्रीय मान्यता मिल गई है। करीब 2 वर्षों से आसाम ड्रग्स डीलर एसोसिएशन के अस्तित्व पर संशय के बादल मंडरा रहे थे। कारण की तह में जाकर पता चला कि राष्ट्रीय संगठन एआईओसीडी को लगातार सबूतों के सहित शिकायतें मिल रही थी कि जहाँ संगठन के पैसे जा दुरुपयोग हो रहा है, वहीं राष्ट्रीय संस्था की होने वाली बैठक के नाम पर दवा निर्माताओं से मोटी रकम वसूली गई। इसकी कोई भी जानकारी राष्ट्रीय कार्यालय को नहीं दी गई। इतना ही नहीं, राष्ट्रीय कार्यालय के नाम पर एक बैंक अकाउंट भी खोला गया, जिसके हस्ताक्षर की जिम्मेदारी भी स्थानीय पदाधिकारियों के पास थी। दवा निर्माताओं द्वारा दिये धन की उन्हें कोई रसीद /पावती भी नहीं दी गई। राष्ट्रीय कार्यालय ने आसाम ड्रग्स डीलर एसोसिएशन को उनका पक्ष रखने के लिए कई मौके दिए परन्तु पदाधिकारी स्थानीय प्रशासन द्वारा मिली श्वेत पत्र के अतिरिक्त कुछ नही दर्शा पाए। राष्ट्रीय संगठन इन पत्रों से संतुष्ट नहीं हो पाया। दिल्ली में हुई राष्ट्रीय बैठक में सदन के अंदर हाथ उठवाकर आसाम ड्रग्स डीलर एसोसिएशन को राष्ट्रीय संस्था की मान्यता से वंचित कर दिया था। इसके विरोध में आसाम के पदाधिकारी कोर्ट में भी गए। कोर्ट ने अंतरिम राहत भी दे दी परन्तु राष्ट्रीय संगठन को भनक मिलते ही हाईकोर्ट में दस्तक दी और निचली अदालत से मिली अंतरिम राहत को चुनोती दे दी। हाईकोर्ट ने अंतरिम राहत को रद्द कर दिया। तभी 21 अगस्त की प्रस्तावित राज्य स्तरीय बैठक हो पाने का रास्ता खुल सका। केमिस्ट एन्ड ड्रगिस्ट एसोसिएशन आसाम के बैनर तले हुई बैठक में राज्य भर के 30 जिलों में से प्रत्येक जिले से केमिस्ट सदस्य भारी संख्या में पहुंचे करीब 1200 सदस्यों से खचाखच भरे हॉल में दवा व्यवसाइयों ने कार्यदिवस के दिन बुलाई बैठक में उपस्थिति दर्ज करवा पुराने संगठन से नाता खत्म करने का साहस दिखाया। बैठक में राज्य के मुख्यमंत्री ने भी आना था, सो पुलिस ने व्यवस्था को अपनी निगरानी में रखा हुआ था। मुख्यमंत्री के न आ पाने की स्थिति में सुरक्षा चक्र को ढीला कर दिया। सदस्यों के जोश को संभालते हुए राष्ट्रीय संगठन की उपस्थिति में सर्वसम्मति से डॉ. एनएल अग्रवाल को प्रदेशाध्यक्ष ,जीतु बर्मन को प्रदेशमहासचिव, केके गुहा को कोषाध्यक्ष मनोनीत किया गया।
उपरोक्त जानकारी देते हुए राष्ट्रीय महासचिव राजीव सिंघल ने बताया कि राज्य में दवा व्यवसाई स्वयं को अनाथ महसूस कर रहे थे। उनमें एकजुटता का जोश था और पुराने संगठन से नाता न रखने के प्रण ने राष्ट्रीय पदाधिकारियों को निर्णय लेने पर बाध्य कर दिया जिसका राज्य ही नही पूरे राष्ट्र में अनुकरणीय सहयोग मिल रहा है। साथ ही अन्य राज्यों में भी कमान संभाली। राज्य संगठनों के पदाधिकारियों को आगाह भी किया कि सदस्यों की कीमत समझो अन्यथा आसाम जैसा हाल हो जाएगा ।
दूसरी तरफ आसाम ड्रग्स डीलर एसोसिएशन के प्रदेशाध्यक्ष बिक्रम चौधरी ने बताया कि बैठक में बड़ी संख्या में नॉन केमिस्ट मौजूद थे। बैठक पुलिस व सीआरपी के घेरे में सम्पन्न हुई पुलिस के डर से तो बड़े-बड़े अपराधी भी सन्त बन जाते हैं। इस बैठक का कोई वजूद नहीं, हाईकोर्ट को झूठे पत्र पेश कर गोलमोल निर्णय पर कोर्ट को स्थिति स्पष्ट करेंगे ताकि सदस्यों के साथ अनहित न हो। यह तो समय ही बताएगा कि राष्ट्रीय संगठन से मान्यता प्राप्त संगठन मजबूत रहेगा या राज्य में फिलहाल दो संगठन कार्य करेंगे।