जालंधर। सीआईए स्टाफ ने अंबाला की ऑरिसन फार्मास्यूटिकल्स कम्पनी के एमआर व कपूरथला, भोगपुर के कई दवा दुकानदारों को नशीली गोलियों व इंजेक्शनों की बड़ी खेप के साथ गिरफ्तार किया है। बताया गया है कि एमआर अपनी कम्पनी से ऑर्डर का बहाना बनाकर नशीली गोलियां व इंजेक्शन सप्लाई करता था, जिसके बाद मेडिकल शॉप संचालक नशीली दवाइयां आगे बेच देते थे, जो नशेडिय़ों तक पहुंच जाती थी। पुलिस ने इन लोगों से 33,200 गोलियां व 68 इंजेक्शन बरामद किए हैं। डीसीपी इन्वेस्टिगेशन गुरमीत सिंह ने बताया कि सीआईए स्टाफ ने गुप्त सूचना पर डीएवी कॉलेज के पास नहर पुली पर रेड की थी। पुलिस ने चार संदिग्ध लोगों को घेर कर उनके बैग की तलाशी ली तो उससे नशीली गोलियां व इंजेक्शन बरामद हुए। पूछताछ में वे दवाइयों से संबंधित कोई बिल नहीं दिखा सके। आरोपियों की पहचान राजिन्द्र कुमार उर्फ बॉबी पुत्र मोती दास निवासी  कपूरथला, जतिन नंदा उर्फ गुरु पुत्र सुभाष चंद्र निवासी करतारपुर, सनमदीप सिंह उर्फ जिम्मी गुरजीत सिंह निवासी  जालंधर व परमजीत सिंह उर्फ पम्मा पुत्र जोगिन्द्र सिंह निवासी भोगपुर के रूप में हुई है।
डीसीपी गुरमीत सिंह ने कहा कि सनमदीप सिंह अंबाला स्थित ऑरिसन फार्मास्यूटिकल्स में एमआर है जबकि राजिन्द्र की भी कपूरथला में मेडिकल शॉप है। जतिन नंदा व परमजीत की भोगपुर में दवा दुकान है। एमआर सनमदीप इन मेडिकल स्टोर मालिकों से ऑर्डर के बहाने नशीली दवाइयों का ऑर्डर अपनी कम्पनी में देता था, जिसके बाद वह बिल लेकर सारी दवाइयां उक्त मेडिकल स्टोर के मालिकों तक पहुंचा कर बिल वापस ले जाता था। बरामद की गई नशीली गोलियां डाक्टर की पर्ची के बिना मेडिकल स्टोर से नहीं मिल पाती थी, जबकि एमआर सनमदीप आसानी से इन लोगों तक नशीली गोलियां व इंजेक्शन सप्लाई कर देता था।   तीनों मेडिकल स्टोर के मालिक दवाइयां स्टोर कर इसे आगे बेच देते थे, जो कि नशेडिय़ों तक पहुंचा दी जाती थी। डीसीपी का कहना है कि इन लोगों का काफी बड़े लेवल पर नेटवर्क चल रहा है। चारों आरोपियों को पुलिस रिमांड पर लिया गया है। आरोपी राजिन्द्र ने किसी और का मेडिकल लाइसेंस अपने नाम करवाया था तथा स्टोर शॉप के नाम पर वह मेडिकल नशा बेचने का काम कर रहा था।