बद्दी (सोलन)। दिसंबर के ड्रग अलर्ट में 78 दवाओं के सैंपल फेल पाए गए हैं। इनमें 40 दवाएं अकेले हिमाचल में निर्मित हैं। ड्रग विभाग का कहना है कि सैंपल फेल मिलने वाली दवा उद्योगों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। इसके अलावा बाजार से इन दवाओं का स्टॉक भी वापस मंगवाया गया है।

ये दवा मिली फेल

ड्रग विभाग की टीमों ने देशभर के विभिन्न क्षेत्रों से दवाओं के सैंपल लिए थे। इन सैंपल की अब लैब से जांच रिपोर्ट आ गई है। केंद्रीय दवा नियंत्रण संगठन के दिसंबर माह के ड्रग अलर्ट में कुल 78 दवाओं के सैंपल फेल मिले हैं। इनमें अकेले हिमाचल में बनीं 40 दवाएं हैं। हिमाचल में फेल होने वाली दवाओं में अस्थमा, उच्च रक्तचाप, मिर्गी, संक्रमण, एपिलेप्सी, विटामिन, दर्द व सूजन, बवासीर, बुखार, खांसी, कब्ज, अवसाद, शुगर, फंगस, पेट के कीड़े, टीबी व इंसुलिन की दवाएं शामिल हैं।

ये फार्मा निशाने पर

हैरानी की बात है कि बद्दी की एलाइंस बायोटेक कंपनी के एक साथ आठ और काना बायोजेनेटिक कंपनी के पांच सैंपल फेल पाए गए हैं। बंसल फार्मा कंपनी की अस्थमा की दवाई मोटुलुकास्ट, लोदी माजरा स्थित बायोकोट फार्मा की उच्च रक्तचाप की दवाई टेलमीसार्टन, सोलन के चंबाघाट स्थित मायाफोर्ट फार्मा कंपनी की मिर्गी की परेगालिन दवा, लोधी माजरा स्थित साईफाइन हिल केयर कंपनी की भूख बढ़ाने की दवा साइप्रोहेप्टाडीन, पांवटा साहिब की जी लेबोरेट्री कंपनी की एपिलेप्सी की दवा स्टेहेप्पी सोडियम वैल प्रोएट, सोलन के बड़ोग स्थित रोस रोबिज बायोटेक कंपनी की नाक के संक्रमण की दवा ओमोक्सीलिन के सैंपल फेल पाए गए हैं।

विटामिन डी के पांच सैंपल एक साथ फेल

झाड़माजरी की मेसन फार्मा की विटामिन सी के दो सैंपल, बद्दी के काठा स्थित एलाइस बायोटेक कंपनी की दर्द व सूजन कम करने की दवा हेपरिन सोडियम इंजेक्शन के आठ सैंपल, बद्दी के भुड स्थित डीएम फार्मा कंपनी के दर्द व सूजन की दवा ब्रोमेलेनट्रिपसिन, कांगड़ा स्थित रेचिल फार्मा कंपनी की खांसी की दवा, संडोली स्थित हेल्थ बायोटेक कंपनी की बवासीर की लिगनोकेने, इसी कंपनी से बैक्टीरियल इंफेक्शन की दवा का सैंपल फेल हुआ है। झाड़माजरी स्थित काना बायोजेनेटिक कंपनी के विटामिन डी के पांच सैंपल एक साथ फेल हुए हैं।

ये दवाइयां मानकों पर खरी नहीं उतरी ये दवा 

इनके अलावा, पांवटा के जी लेबोरेट्री कंपनी के आंखों की दर्द के मोक्सीपेक्स पीआई ड्रॉप, बरोटीवाला की फार्मा रूट्स हेल्थकेयर कंपनी की विटामिन डी की दवा, पांवटा स्थित लेबोरेट फार्मा स्टिकल कंपनी की बुखार की दवा मेफोनेमिक एसिड पेरासिटामोल, कालाअंब को आस्कर रेमिडीज की हार्ट के इंजेक्शन ओविट, बरोटीवाला स्थित वीवीपीबी कंपनी की खांसी की दवा एस्कोरिल एसएल सिरप मानकों पर खरी नहीं उतरी हैं।

मानकों पर खरी नहीं उतरी

इनके अलावा, किशनपुरा स्थित एल्डर लैब कंपनी की कब्ज की दवा बिसाकोडाइल, कालाअंब स्थित प्रीमस फार्मास्युटिकल कंपनी की संक्रमण की सेफोपेराजीन, बद्दी के केप्सोपिट हेल्थकेयर की अवसादग्रस्त रोग की दवा केल्सीट्रीयोल, बरोटीवाला स्थित फार्मा रूट हेल्थ केयर की शुगर की दवा गिलमोपाईराइटस, नालागढ़ के मिसा टिब्बा स्थित फंगस की दवा इट्राकोना जोल, कालाअंब स्थित ओरिजन फार्मा कंपनी की पेट के कीड़े मारने की दवा एल्बेंडाजोल, झाड़माजरी स्थित सेंकटस ग्लोबल कंपनी की इंसुलिसन की दवा गलिमिकट एम, बद्दी के किशनपुरा स्थित पेटाकम फार्मास्युटिकल कंपनी की टीबी की दवा आइसो नियाजड तथा झाड़माजरी स्थित डिक्सन फार्मा कंपनी की बुखार की दवा के सैंपल भी फेल मिले हैं।

खराब दवा बाजार से वापस मंगाने के लिए भी कहा

डिप्टी ड्रग कंट्रोलर मनीष कपूर के अनुसार कान्हा बायोजेनेटिक कंपनी के उत्पादन पर पहले से ही विभाग की रोक है। वहीं, एलाइंस फार्मा कंपनी की दवाइयों की विभाग खुद भी जांच करेगा। उन्होंने बताया कि संबंधित उद्योगों को खराब दवा बाजार से वापस मंगाने के लिए भी कहा है। दोषी कंपनियों के खिलाफ ड्रग एंड कॉस्मेटक एक्ट के तहत कार्रवाई अमल में लाई जाएगी।