बरेली। शीशगढ़ में अफसान खान के केमिस्ट स्टोर पर ड्रग विभाग ने छापेमारी करके दो लाख रूपये कीमत की दवाओं को जब्त किया। इसमें भारत सरकार की तरफ से सप्लाई की जाने वाली और एक्सपायरी दवाएं शामिल है। हालांकि नशे के कारोबार पर लगाम लगाने के लिए पुलिस सक्रिय हुई है। यही वजह है कि अब मेडिकल स्टोर संचालकों पर नकेल कसी जा रही है। सहायक आयुक्त संजय सिंह के मुताबिक अफसान इन दवाओं को बिना डॉक्टर के परामर्श के बेंच रहा था। दरअसल पिछले दिनों पंजाब पुलिस ने पंजाब में एक ट्रक ड्राइवर को पकड़ा था। जिसके पास नशीली दवाएं जब्त हुई थी। ये दवाएं पंजाब में प्रतिबंधित हैं।
जब ट्रक ड्राइवर से पूछताछ की गई तो पता चला कि उसने उन दवाओं को बरेली से खरीदा है। इसके बाद यहां पर पंजाब पुलिस ने आकर फरीदपुर के एक दवा संचालक को हिरासत में लिया था। उससे पंजाब पुलिस पूछताछ भी कर रही है। बाद में पता चला था कि यहां पर एक मेडिकल स्टोर संचालक इन प्रतिबंधित दवाओं का कारोबार करते हैं। दरअसल ये दवाएं युवा नशे के लिए इस्तेमाल करते हैं। संदेह वाली छह दवाओं के नमूने भी भरे गए हैं। जिन्हें जांच के लिए लैब भेजा गया है। इस कार्रवाई में ड्रग इंस्पेक्टर विवेक कुमार और उर्मिला वर्मा शामिल रहीं।
पीलीभीत, बदायूं, शाहजहांपुर की ड्रग विभाग की टीमों ने संयुक्त रूप से ये कार्रवाई की। इससे पहले पंजाब पुलिस ने फरीदपुर में दबिश देकर प्रतिबंधित दवाओं की खेप पंजाब भेजने के मामले में एक केमिस्ट को पकड़ा था। ड्रग विभाग ने शहर के सात केमिस्ट स्टोर को भी नशे में इस्तेमाल होने वाली दवाओं की खरीद-फरोख्त के लिए नोटिस जारी किया हुआ है। इसके बाद पुलिस और ड्रग विभाग दोनों सक्रिय हुए।
इसी के बाद मेडिकल स्टोर वालों की धरपकड़ शुरु हुई। कुछ दिन पहले उड़ीसा से चोरी छुपे गांजा भी लाया जा रहा था। जिससे पुलिस ने मुखबिर की सूचना पर पकड़ा था। बरेली धीरे धीरे नशे के कारोबार करने का अड्डा बनता जा रहा है। इसकी वजह ये भी है कि बरेली उत्तराखंड का बार्डर है और यहां से दिल्ली की दूरी भी कम है। ऐसे में तस्करी करने में तस्करों को आसानी रहती है।