ग्वालियर। तीसरी लहर की आंशकाओं के चलते शासन-प्रशासन, स्वास्थ्य व ड्रग विभाग ने दवाओं की उपलब्धता की प्रक्रिया तेज कर दी हैं। दूसरी लहर में जिस तरह रेमडेसिविर, फैबिफ्लू व अन्य दवाओं की कमी के चलते काला बाजारी शुरू हो गई थी। तीसरी लहर का कहर बच्चों पर भी पड़ सकता है, इसलिए अभी से तैयारी शुरू कर दी गई है। इसके लिए भोपाल से आदेश मिल चुके हैं। अब ड्रग विभाग डाक्टरों के साथ बैठक कर तय करेगा कि बच्चों को तीसरी लहर में कौन-कौन सी दवाओं की आवश्यकता पड़ सकती है। इसके बाद थोक व खेरिज विक्रेताओं से दवा के स्टॉक की जानकारी लेगा। साथ ही भोपाल स्तर पर दवा कंपनियों के साथ संवाद स्थापित कर दवाओं की उपलब्धता सुनश्चित करेगा।
ड्रग इंस्पेक्टर दिलीप अग्रवाल ने बताया कि पहली व दूसरी लहर में जिस तरह दवाओं की कमी के चलते परेशानी उठानी पड़ी थी वह तीसरी लहर में न रहे, इसकी तैयारी की जा रही है। भोपाल से मिले निर्देश के अनुसार डाक्टर, थोक व खेरिज दवा विक्रेताओं के साथ बैठक की जानी है। दवाओं की उपलब्धता निरंतर हो तथा रिजर्व स्टाक रहे, इस पर कार्ययोजना तैयार की जा रही है।
ऑक्सीजन-वेंटिलेटर की उपलब्धता
जिले के हर बड़े व छोटे अस्पताल में बच्चों को इलाज मिल सके, इसकी रणनीति बनाई जा रही है। जिला स्तर पर साइंस कॉलेज तक में बच्चों को भर्ती करने की तैयारी की जाएगी। कमलाराजा अस्पताल में 30 बेड का आइसीयू, 30 बेड का पीआइसीयू और 30 बेड पर वेंटिलेटर लगाकर कुल 90 बेड तैयार होंगे। जिला अस्पताल, सिविल अस्पताल हजीरा, डबरा, भितरवार पीएससी में सेंट्रल आक्सीजन सिस्टम लगाकर आइसीयू तैयार किया जा रहा है। इन स्थानों पर आक्सीजन टैंक लगाने के साथ वेंटिलेटर उपलब्ध कराए जाएंगे। सिविल अस्पताल हजीरा में 13 वेंटिलेटर उपलब्ध हो भी चुके हैं।
ड्रग विभाग थोक व खेरिज दवा विक्रेताओं के साथ बैठक करेगा। उनके समस्त स्टाक की जानकारी लेगा। मौजूदा वक्त में बच्चों की कौन-कौन सी दवा की खपत कितनी है, यह जानकारी लेगा। जिले में बच्चों की आबादी के अनुपात में थोक विक्रेता 20 फीसद व खेरिज विक्रेता 10 फीसद दवाओं का स्टाक पहले से ही रिजर्व रखेंगे। शासन के निर्देश पर ड्रग विभाग हर जिले में शिशु रोग विशेष्ाज्ञ के साथ के बैठक करेंगे। इसमें डाक्टरों से जानकारी ली जाएगी कि कोविड की चपेट में आने पर बच्चों को किस-किस दवा की आवश्यकता होगी। लक्षण के आधार पर कौन सी दवा व एंटीबायटिक दी जाती है।
पहली और दूसरी लहर में हुई थी दवा व सामान की कालाबाजारी
पहली लहर: कोरोना की पहली लहर 24 मार्च 2020 से मानी जा रही है, जिसका आठ फरवरी को अधिकारिक रूप से समापन बताया गया। पहली लहर में मास्क, सैनिटाइजर, ग्लब्स आदि की कमी पड़ी थी। दवाओं के साथ यह सामान भी कई गुना अधिक दाम पर ब्लैक में बिका था।
दूसरी लहर: शहर में दूसरी लहर नौ फरवरी से मानी जाती है, जिसका समापन 12 जून 2021 को अधिकारिक रूप से माना जा रहा है। दूसरी लहर में सबसे अधिक कमी रेमडेसिविर, फैबिफ्लू, लिमसी, टाक्लोजुमैब इंजेक्शन आदि की रही थी। इस कारण यह दवाएं ब्लैक में कई गुना दाम पर बिकीं।