आगरा। थोक दवा की दुकान का लाइसेंस लेकर बड़े स्तर पर अवैध दवा बिक्री का धंधा चल रहा है। कफ सीरप सहित नींद की दवाएं (नारकोटिक्स) नशे के लिए इस्तेमाल हो रही हैं। ये दवाएं थोक दवा की दुकान से मेडिकल स्टोर विक्रेताओं को सप्लाई की जानी चाहिए। इन दवाओं को कंपनी से मंगाकर थोक दवा कारोबारी ट्रांसपोर्ट से ही दवा माफियाओं को सप्लाई कर रहे हैं। ऐसे दो दर्जन थोक दवा कारोबारी हैं, इनकी दवा की दुकान बंद रहती हैं। मगर, टर्नओवर करोड़ों में है। औषधि विभाग की टीम ने बीते माह मालवा ट्रांसपोर्ट, नुनिहाई में छापा मारकर 40 हजार कफ सीरप जब्त किए थे। इन्हें कंपनी से मंगाया गया था। आशंका है कि दवा माफियाओं को अधिक रेट में सप्लाई किया जाना था। इतनी बड़ी मात्रा में कफ सीरप मंगाया गया लेकिन थोक दवा कारोबारियों पर कफ सीरप रखने के लिए भी स्थान नहीं था। इस मामले में हर्ष एजेंसी, एचबी इंटरप्राइजेज का लाइसेंस निरस्त किया गया है। वहीं, एके इंटरप्राइजेज का नारकोटिक्स की दवाएं बिक्री करने का लाइसेंस निरस्त कर दिया है। ऐसा ही काम दो दर्जन थोक दवा कारोबारी कर रहे हैं। इनकी फव्वारा थोक दवा बाजार सहित शहर के अन्य हिस्सों में थोक दवा का लाइसेंस है। ये दवाएं मेडिकल स्टोर संचालकों को बिक्री नहीं करते हैं। ये नारकोटिक्स की दवाएं ट्रांसपोर्ट पर मंगाते हैं और दवा माफियाओं को सप्लाई कर देते हैं। औषधि निरीक्षक राजकुमार शर्मा ने बताया कि थोक दवा के लाइसेंस से अवैध दवा कारोबार करने वालों को चिन्हित किया जा रहा है। इनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। जिला आगरा केमिस्ट एसोसिएशन ने कोतवाली पर प्रदर्शन किया। अध्यक्ष आशु शर्मा का आरोप है कि औषधि विभाग के अधिकारी दवा माफियाओं से मिले हुए हैं, उनके खिलाफ कार्रवाई नहीं करते हैं। कागजी कार्रवाई पूरी करने के लिए छोटे दवा कारोबारियों की जांच कर दवा बिक्री पर रोक लगा रहे हैं। इससे छोटे दवा कारोबारी परेशान हैं, इनके खिलाफ आंदोलन किया जाएगा। वरिष्ठ उपाध्यक्ष राम अवतार शर्मा, पिंकी सक्सेना, जय किशन, देवेंद्र अग्रवाल आदि मौजूद रहे।