मंडी। हिमाचल प्रदेश के थोक दवा विक्रेताओं ने दवा निर्माता कंपनियों से जीएसटी लागू होने से पहले के स्टॉक पर लगे जीएसटी का भुगतान जल्द करने की मांग उठाई है। मंडी में संपन्न हुई हिमाचल प्रदेश थोक दवा विक्रेता संघ की बैठक में इस विषय पर गहनता से चर्चा हुई। बैठक की अध्यक्षता संघ के प्रदेशाध्यक्ष प्रमोद कौशल ने की। बैठक में शिमला, मंडी, कुल्लूू और बिलासपुर जिलों से आए करीब 30 थोक दवा विक्रेताओं ने भाग लिया। बैठक के बारे में जानकारी देते हुए संघ के प्रदेशाध्यक्ष प्रमोद कौशल ने बताया कि जब देशभर में जीएसटी लागू हुआ तो उस वक्त थोक दवा विक्रेताओं के पास पुराना स्टॉक भी पड़ा था। दवा निर्माता कंपनियों ने आश्वस्त किया था कि इस स्टॉक पर जो भी जीएसटी लगेगा, उसका कंपनी की तरफ से भुगतान किया जाएगा। उन्होंने बताया कि बहुत सी कंपनियों ने तो पुराने स्टॉक पर जीएसटी का भुगतान कर दिया है, लेकिन कुछ कंपनियां ऐसी हैं जो अभी तक इस भुगतान को नहीं कर पाई हैं। इन कंपनियों के पास दवा विक्रेताओं का लाखों रुपया फंसा हुआ है। प्रमोद कौशल ने बताया कि कंपनियों के साथ इस संदर्भ में वार्ता चल रही है, लेकिन जल्द निर्णय न होने की स्थिति में संघ कंपनियों के प्रति कड़ा रुख अपना सकता है। प्रदेश के संगठन सचिव नवनीत तरेजा ने बताया कि मंडी में आयोजित बैठक में थोक दवा विक्रेताओं को जीएसटी से संबंधित पेश आ रही समस्याओं पर भी चर्चा की गई. विक्रेताओं को जीएसटी की बारीकियों के बारे में बताया गया और उनकी छोटी छोटी परेशानियों का मौके पर ही समाधान भी किया गया। उन्होंने बताया कि जल्द ही संघ की अगली बैठक आयोजित करके आगामी रूपरेखा तैयार की जाएगी।