हापुड़। केमिस्ट एंड ड्रग्गिस्ट एसोसिएशन हापुड़ के पदाधिकारियों और सदस्यों की सोमवार को आवश्यक मीटिंग हुई। जिसमें दवाईयों के ओवर स्टॉक पर चिंता जताई गई। केमिस्ट एंड ड्रग्गिस्ट एसोसिएशन के महासचिव विकास गर्ग ने बताया कि कोरोना के घटते मामलों के चलते महामारी से लड़ने में काम आने वाली दवाओं की मांग में कमी आयी है। जरूरत से ज्यादा दवाओं और सर्जिकल आइटम का स्टॉक मार्केट में फंस गया है। संक्रमण की दूसरी लहर अप्रैल माह में आई थी, कोरोना के इलाज से जुड़ी दवाओं की मांग सामान्य से 10 गुना अधिक हो गयी थी। जैसे जैसे समय बीतता गया। वैसे वैसे जरूरी दवाओं की मांग में कमी आयी है, जो 100 प्रतिशत से घटकर अब 15 प्रतिशत रह गयी है।

सबसे ज्यादा हल्ला रेमडीसीवेर इंजेक्शन को लेकर था। कोरोना की पीक लहर के समय कंपनियों के पास दवा विक्रताओं को देने के लिए पर्याप्त स्टॉक ही नहीं था, लेकिन जनपद के दवा विक्रेताओं ने कोरोना संक्रमित मरीजों को ध्यान में रखते हुए अपनी दवाओं की मांग जारी रखी और कोरोना में काम आ रही दवा रेमडीसीवेर इंजेक्शन और फवीपीरावीर टेबलेट दवाओं का भरपूर स्टॉक जिले में मंगा लिया।

अब जब कोरोना संक्रमण के मामले घटने लगे तो ऐसे समय में दवा विक्रेताओं के सामने संकट खड़ा हो गया है। मांग घटने से दवाओं और सर्जिकल सामानों का करोड़ों रुपये का स्टॉक दवा की दुकानों पर फंस गया है। जिसे कंपनियों ने वापस लेने से मना कर दिया है। सरकार को चाहिए दवा वापसी के लिए कंपनियों को निर्देशित करें। बैठक में अनेक दवा विक्रेता मौजूद रहे।