अब मरीजों को आंखों की दवाई लेने के लिए अस्पताल जाने की जरुरत नहीं पड़ेगी।आई  जिनी ऐप के माध्यम से डॉक्टर घर बैठे मरीजों को दवाई दे देंगे। दरअसल, इस ऐप के माध्यम से दूर बैठे मरीजों की जांच डॉक्टर कर लेंगे। जांच के तुरंत बाद ही व्हाटसऐप के माध्यम से मरीजों को दवाई का पर्चा भी भेज देंगे।  ग्लूकोमा, डायबिटिक रेटिनोपैथी आदि के रोगियों को अस्पताल जाने की जरूरत नहीं रहेगी। रोगी को अस्पताल तभी आना पड़ेगा जब उसे सर्जरी करानी होगी।

आई जिनी एप से दूर-दराज के मरीजों की जांच

जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज के नेत्र रोग विभाग के प्रोफेसर डॉ. परवेज खान ने बताया कि उन्होंने टेली मेडिसिन में आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस युक्त उपकरणों का प्रयोग किया है। डॉ. खान ने फैक्टरियों और गांवों के तकरीबन पांच सौ मरीजों पर इसका ट्रायल किया है। ये ट्रायल सफल रहा है। अब इस तरीके के नियमित इस्तेमाल की तैयारी है। इसमें आई जिनी एप की मदद ली जा रही है। डॉ. खान ने बताया कि इसमें स्लिट लैंप, फोटो रैंप तथा आंखों का प्रेशर पता करने वाले एआई युक्त उपकरणों का इस्तेमाल किया जा रहा है।

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डॉ. खान ने बताया कि रोगियों की जांच इस एप के माध्यम से होगी। जांच के बाद टेक्नीशियन बॉक्स लेकर गांवों और फैक्टरियों में रोगी के पास जाएगा। टेक्नीशियन का काम इतना रहेगा कि उपकरण रोगी की आंख पर लगा दे। इसके बाद सारी जांच हो जाएगी। टेक्नीशियन अपने पास कुछ दवाएं और चश्मे भी रखेगा। यदि जरूरत होगी तो रोगी को तुरंत उपलब्ध करेगा।