नई दिल्ली। देश में 39 अरब डॉलर के दवा उत्पादन पर खतरा मंडरा रहा है। इसके पीछे चीन से कोरोना वायरस फैलने को माना जा रहा है। इससे दवा निर्माण में काम आने वाले कच्चे माल की चीन से सप्लाई प्रभावित हो सकती है। अगर ऐसा हुआ तो भारत में दवा उत्पादन रुक सकता है। बता दें कि वॉल्यूम के हिसाब से दुनिया में भारत तीसरा बड़ा दवा उत्पादक देश है। हालांकि कच्चे माल का 70 प्रतिशत हिस्सा चीन से आता है। इंडस्ट्री के अधिकारियों को डर है कि कोरोना वायरस के चलते चीन में कुछ और हफ्तों तक अगर पाबंदियां लगाने की जरूरत बनी रही तो कच्चे माल का आयात बहुत घट सकता है। मैनकाइंड फार्मा के डायरेक्टर अर्जुन जुनेजा ने कहा कि हमारे पास एक्स्ट्रा इनवेंटरी है। लिहाजा फरवरी मध्य तक तो कोई डर नहीं है। उसके बाद मामला बढ़ा तो इंडस्ट्री के 70 प्रतिशत हिस्से पर आंच आएगी। चीन में इस तरह के हालात से दवा बनाने में इस्तेमाल होने वाले कच्चे माल के आयात पर बड़ा असर पड़ सकता है। यहां बता दें कि चीन से कच्चे माल के आयात का प्रमुख केंद्र वुहान की राजधानी हुबेई है और वुहान ही कोरोना वायरस से सबसे ज्यादा प्रभावित क्षेत्र है।