जलंधर। पंजाब के जलंधर से दवा कंपनियों द्वारा रचे जा रहे खेल की खबर सामने आई है। कहा जा रहा है यहां दो रूपए की दवा 35 रूपए में मिल रही है। इसके पीछे दवा कंपनियों, अस्पताल और डॉक्टरों की मिलीभगत एक मुख्य कारण बताया जा रहा है।

बताया जा रहा है यहां डॉक्टरों तक कमीशन पहुंचानी हो या डॉक्टरों को गिफ्ट देने हों, इसका काम दवा कंपनी के एमआर (मेडिकल रिप्रेजेंटेटिव) का होता है। एमआर कुछ डॉक्टर और उनके परिवार के सदस्यों से इतने परेशान हैं कि या तो वे कंपनी बदल लेते हैं या नौकरी छोड़ रहे हैं।

दवा हो या स्टेंट, अस्पतालों में बिकने वाले ज्यादातर प्रॉडक्ट की बिक्री पर या तो अस्पताल कई गुणा ज्यादा मुनाफा कमाते हैं या मोटी कमीशन लेते हैं। एक न्यूज वेबसाइट पर छपी खबर के मुताबिक, 90 के दशक में शहर में डॉक्टरों को सबसे पहले दवा कंपनियों की तरफ से चेक से कमीशन देनी शुरू की गई थी फिर पारदर्शिता बढ़ी तो चेक की यह जगह कैश, एसी, फ्रिज, एलईडी और हॉलिडे पैकेज ने ले ली।

सिविल अस्पताल की बात की जाए तो कुछ डॉक्टर मरीज को दवा लिखते वक्त साफ-साफ बता देते हैं कि यह दवा फलां दुकान से मिलेगी, लेकिन कुछ डॉक्टर तो सारी दवाइयां ही बाहर की लिखते हैं। दवा की दुकान पर डॉक्टर की पर्ची पर दवा कंपनी नजर बनाए रहती है। इन सब के बीच कोई पीस रहा है तो वो मरीज है, जिसे खुद का इलाज कराने के लिए अस्पताल और मेडिकल स्टोर तो जाना ही पड़ेगा। जहां उसका इंतजार वो लोग कर रहे है जिनको बस कमीशन से मतलब है।