मुंबई। दवाओंं की बिक्री बढ़ाने के लिए एमआर वितरक और थोक विक्रेताओं को पैसों का लालच देते हैं, जोकि सरासर गलत है। यह आरोप महाराष्ट्र राज्य केमिस्ट ऐंड ड्रगिस्ट एसोसिएशन (एमएससीडीए) ने लगाया है। एमएससीडीए ने सभी दवा कंपनियों के मार्केटिंग प्रमुखों को लिखे गए पत्र में इस कुरीति को खत्म करने की मांग की है। हालांकि, पत्र में किसी कंपनी का नाम नहीं दिया गया है लेकिन इससे दवा कंपनियों की अनैतिक विपणन गतिविधि उजागर हुई है। बता दें कि 2014 में दवा विभाग द्वारा तैयार की गई मसौदा संहिता में कंपनियों द्वारा वितरकों को दी जाने वाली नकदी, उपहार या इस तरह का कोई भी लाभ देने से प्रतिबंधित करने का प्रस्ताव था। बहरहाल सरकार को अभी भी नियमों और उसके उल्लंघन पर जुर्माने के बारे में फैसला करना है।
एमएससीडीए के अध्यक्ष हुकमराज मेहता ने कहा कि कंपनी के प्रतिनिधि बिक्री का अपना लक्ष्य पूरा करने के लिए वितरकों को धन की पेशकश कर रहे हैं। मेहता ने पत्र में कहा है कि हम आपसे अनुरोध करते हैं कि उच्च प्राथमिकता पर रखकर इस मामले की जांच करें और संबंधित प्रबंधकों व मेडिकल रिप्रजेंटेटिव को ऐसी अनैतिक और गैर सैद्धांतिक कारोबारी गतिविधियों से रोकें। ऑर्गेनाइजेशन आफ फॉर्मास्यूटिकल्स प्रोड्यूसर्स आफ इंडिया की महानिदेशक कंचना टीके ने कहा कि हम दवा विपणन गतिविधियों के लिए बहुप्रतीक्षित समान संहिता के समर्थक रहे हैं, जो बुनियादी नैतिक मानक तय करेगी। यह देश के मरीजों के प्रति स्वास्थ्य सेवा क्षेत्र को जवाबदेह बनाएगी।