नई दिल्ली। हाल में एक निजी कंपनी की पोलियो वैक्सीन में संक्रमण पाए जाने के बाद सरकार दवाओं और वैक्सीन की सुरक्षा के लिए कड़े कानून बनाने पर विचार कर रही है। पोलियो वैक्सीन में संक्रमण पाए जाने पर सरकार की खासी किरकिरी हुई थी और उसने कंपनी को अपनी वैक्सीन वापस मंगाने को कहा था। ऐसी स्थिति दोबारा न पैदा हो और देश में बनने वाली दवाओं और वैक्सीन की क्वॉलिटी बेहतर रहे, इसके लिए सरकार ड्रग्स एंड कॉस्मेटिक्स ऐक्ट में बदलाव करने पर विचार कर रही है।
सूत्रों का कहना है कि नए कानून में किसी भी दवा के नकली, घटिया या संक्रमित पाए जाने पर सजा और जुर्माने के साथ ही कंपनी को बंद करने का प्रावधान भी किया जा सकता है। अभी इस मामले में सख्त कानून नहीं है। डॉ. माशेलकर समिति ने कई साल पहले नकली दवा बनाने और बेचने वालों को सजा-ए-मौत की सिफारिश की थी, लेकिन उस पर आज तक अमल नहीं हो पाया है। सूत्र यह भी बताते हैं कि नए कानून में देश में दवाओं और वैक्सीन्स का उत्पादन विश्व स्वास्थ्य संगठन और अंतरराष्ट्रीय मानकों के हिसाब से करने के लिए भी जरूरी प्रावधान किए जाएंगे। दवाओं की क्वॉलिटी खराब होने के कारण कई बार अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भारत की काफी किरकिरी हो चुकी है। कुछ साल पहले अमेरिका और यूरोपियन यूनियन ने भारत की कई दवा कंपनियों पर बैन लगा दिया था।