देहरादून। प्रदेश में स्थापित सभी दवा निर्माता कंपनियों को भारत सरकार के सुगम पोर्टल पर अपने फार्मूलेशन से संबंधित जानकारियां सार्वजनिक करनी होंगी। राज्य औषधि नियंत्रक ने ये निर्देश देते हुए बताया है कि फार्मूलेशन की जानकारी मिलने के बाद यह जांचा जाएगा कि कंपनियां कहीं विभाग से स्वीकृत फामूर्लेशन से अलग और निर्माण तो नहीं कर रहीं। प्रदेश में देहरादून, हरिद्वार एवं ऊधमसिंह नगर में सर्वाधिक दवा निर्माण इकाइया हैं। विभागीय आंकड़ों के अनुसार कुल 220 कंपनियां यहां दवा उत्पादन का काम कर रही हैं। अक्सर ही दवा निर्माण इकाइयों में गड़बड़ी की शिकायतें सामने आ चुकी हैं। खासतौर से हरिद्वार एवं रुडक़ी में हाल में कई फैक्ट्रियां ऐसी पकड़ी गई जो कई दवाओं का अप्रूवल लिए बगैर ही इनका निर्माण करने में जुटी थी। भारत सरकार का औषधि विभाग ऐसी शिकायतों पर खुद हरिद्वार में कार्रवाई कर इस तरह के मामलों को पकड़ चुका है। ऐसे में उत्तराखंड के औषधि नियंत्रक ताजबल सिंह जग्गी ने इस मामले को लेकर एक पत्र सभी 220 दवा इकाइयों के संचालकों को जारी किया है। औषधि नियंत्रक ने बताया कि उनकी ओर से दूसरी बार रिमाइंडर भेजने पर अब तक करीब 150 कंपनियों ने सुगम पोर्टल पर दवाओं के फामूर्लेशन की जानकारी सार्वजनिक की है। अन्य 20 कंपनियों को भी उन्होंने आगाह किया है कि जल्द फामूर्लेशन संबंधी जानकारी पोर्टल पर डालें ताकि विभाग इनकी क्रॉस चेकिंग का कार्य कर सके। उन्होंने कहा कि इस मामले में किसी तरह की कोताही नहीं बरती जाएगी। विभाग क्रॉस चेकिंग के दौरान देखेगा कि जो फामूर्लेशन विभाग से पास कराए गए हैं, उनके अनुरूप ही निर्माण हो रहा है या नहीं। इस दौरान फील्ड विजिट भी होंगे। अगर कोई अप्रूवल से अलग काम करता मिला तो उसके लाइसेंस एवं अप्रूवल रद्द कर दिए जाएंगे।