शिमला। प्रदेश की फार्मा कंपनियों को दवा निर्माण के साथ उसके साल्ट और फार्मूलेशन की जानकारी देनी होगी। इस व्यवस्था को लागू करने के लिए प्रक्रिया शुरू कर दी है। दरअसल निदेशक स्वास्थ्य सुरक्षा विनियमन प्राधिकरण सुमित खिमटा का कहना है दवा निर्माता कंपनियों को कर्मचारियों व फार्मूलेशन के संबंध में सीडीएससीओ के सुगम पोर्टल पर ऑनलाइन जानकारी देनी होगी।

इस संबंध में प्रक्रिया को प्रदेश में जल्द शुरू किया जा रहा है। गौरतलब है कि हिमाचल को एशिया के फार्मा हब के रूप में जाना जाता है। दवा निर्माण में हिमाचल प्रदेश की हिस्सेदारी देश में 35 फीसद तक है। प्रदेश में करीब 550 फार्मा कंपनियां हैं। इनमें सिपला, डा. रैड्डीज, ब्रुक्स लैब लिमिटेड, सनफार्मा, मेडिपोल फार्मा, नूतन फार्मा, पार्क फार्मा, टौरंट, डैगन फार्मा, इंडोको फार्मा, डिजिटल फार्मा आदि प्रमुख हैं।

दरअसल सीडीएससीओ यानी केंद्रीय औषध मानक नियंत्रण संगठन के सुगम पोर्टल पर यह सारी जानकारी देनी होगी। दवा निर्माता कंपनियों को उपकरणों के साथ अपने कर्मचारियों की जानकारी भी ऑनलाइन देनी होगी। प्रदेश में अभी तक इस तरह की कोई व्यवस्था नहीं थी। कंपनी लाइसेंस लेने के दौरान ही दवा निर्माण और उसमें प्रयोग होने वाले कच्चे माल आदि के बारे में बताती थी।

अब इस सब पर ऑनलाइन नजर रखने के लिए केंद्रीय औषध मानक नियंत्रण संगठन के निर्देश पर हिमाचल प्रदेश में नई व्यवस्था को लागू किया जा रहा है। प्रदेश में दवा उद्योगों के लिए ऑनलाइन लाइसेंस प्रणाली को लागू करने की प्रक्रिया भी शुरू की जा रही है।