कानपुर (उप्र)। दवा कारोबारी फार्मा कंपनियों की मनमानी से आहत हैं। उनका कहना है कि दवा कंपनियां लगातार निरकुंश होती जा रही हैं। इससे उनका दवा कारोबार प्रभावित हो रहा है। व्यापारियों को लाभ कम मिल रहा रहा है। उक्त विचार दि दवा व्यापार मंडल और फुटकर दवा व्यापार मंडल की ओर से आयोजति दवा व्यापारी चिंतन गोष्ठी में रखे गए।

दवा की सप्लाई सीधे कंपनी से हो रही

इस गोष्ठी में कानपुर समेत प्रदेश के 32 जिलों के दवा व्यापारियों ने भाग लिया। अध्यक्ष राजेंद्र सैनी ने कहा कि डॉक्टर और अस्पताल के निजी मेडिकल स्टोर में 20 से 30 फीसदी अतिरिक्त मुनाफा देकर अपनी दवा की सप्लाई सीधे लखनऊ या कंपनी से कर रही हैं। इससे दवा व्यापारियों का व्यापार 40 फीसदी तक घट गया है।

संरक्षक सरदार हरिवंदर सिंह भल्ला ने कहा कि दवा व्यापारियों की सुनने वाला कोई नहीं है। महामंत्री नंदकिशोर ओझा ने कहा कि एक्सपायरी व डैमेज ना लेनी पड़े, इसके लिए कंपनयिां जबरन नए नियम बना रही हैं।

लखनऊ के ओपी सिंह ने आरोप लगाया कि बड़े पदाधिकारी दवा कंपनियों को प्रोत्साहित करते हैं कि वह नए नियम बनाकर निजी मुनाफा बढ़ा लें। गोष्ठी में जौनपुर, अलीगढ़, गाजीपुर समेत कई जिलों के व्यापारियों ने भी अपनी बातें प्रमुखता से रखी। इस मौके पर प्रवीन बाजपेई, सुमित पावा, रोहित टंडन, अशोक अग्रवाल, राजेश गुप्ता, योगेश अग्रवाल, कुलवीर सिंह आदि उपस्थित रहे।