भागलपुर (बिहार)। जिला प्रशासन ने मरीजों को जरूरत से ज्यादा टैबलेट-कैप्सूल का पूरा पत्ता थमाने वाले दवा दुकानदारों पर कार्रवाई करने का निर्णय लिया है। इसके तहत जिलेभर की सभी दुकानों की जांच की जाएगी। दुकानों की रेंडमली जांच होगी। पत्ते से काटकर दवा न बेचने वालों पर कार्रवाई होगी। वर्तमान में जिले में 1554 खुदरा और थोक की दवा दुकानें चल रही हैं। इनमें 458 थोक विक्रेताओं के अलावा सभी 1096 दवा दुकानों की रेंडमली जांच होगी। इसमें ग्रामीण क्षेत्र की 686 और शहरी क्षेत्र 410 दुकानों की जांच होगी। सभी दुकानों पर प्रशासन का अमला दबिश देगा। डीएम प्रणव कुमार ने मामले को गंभीरता से लिया है। उनका कहना है कि सभी दुकानों पर टीम पहुंचेगी। टीमें दुकानों पर यह देखेगी कि वे पत्ते से कैप्सूल और टैबलेट काटकर बेच रहे हैं या नहीं। पत्ते से काटकर या मरीजों की जरूरत के मुताबिक दवा न बेचने वालों पर कार्रवाई होगी। यह भी देखा जाएगा कि दुकानदार बिना डॉक्टर के प्रिस्क्रिप्शन के दवा तो नहीं बेच रहा। बिना प्रिस्क्रिप्शन दवा बेचना ड्रग एंड कॉस्मेटिक नियमों का उल्लंघन है। जांच अमला इस पर भी कार्रवाई करेगा। ड्रग एंड कॉस्मेटिक एक्ट का उल्लंघन करने वालों के लाइसेंस सस्पेंड किए जाएंगे। इतना ही नहीं, नियमों का पहले भी उल्लंघन कर चुके दुकानदारों पर भी सख्ती होगी। जिन दुकानों के लाइसेंस पहले सस्पेंड किए जा चुके हैं और इसके बाद भी वे नियम तोड़ रहे हैं तो उनके लाइसेंस स्थायी तौर पर भी रद्द कर दिए जाएंगे।