उज्जैन। जिला प्रशासन व ड्रग विभाग ने नागझिरी उद्योगपुरी स्थित ओमकार फैक्ट्री पर जांच की। टीम को फैक्ट्री में 8700 लीटर मिथेनॉल मिला है। इसके अलावा क्लोरोफार्म व एसिटोन भी पाया गया। इनका उपयोग दवाओं में किया जाता है। गौरतलब है कि फैक्ट्री में मिले मिथेनॉल का उपयोग जहरीली शराब निर्माण में भी किया जाता है। बता दें कि उज्जैन में तीन माह पूर्व हुए जहरीली शराब (जिंजर) पीने से 14 लोगों की मौत हो गई थी। जांच में शराब मिथेनॉलपाया गया था। हालांकि ताजा मामले में अधिकारियों का कहना है कि ओमकार फैक्ट्री में केवल दवाओं के रॉ मटेरियल के निर्माण के लिए ही मिथेनॉल का उपयोग पाया गया है। दरअसल जांच के दौरान फैक्ट्री संचालक मप्र पाइजन रूल्स के तहत जारी होने वाला लाइसेंस नहीं दिखा सका।
इस पर एडीएम नरेंद्र सूर्यवंशी ने केमिकल जब्त कर संचालक की सुपर्दगी में ही सौंप दिया। संचालक जांच पूरी होने तक इसका उपयोग नहीं कर पाएगा। बताया जा रहा है कि फैक्ट्री में दवाओं का रॉ मटेरियल बनाया जाता है। इसे हैदराबाद की दवा कंपनियों को सप्लाय किया जाता है। तो वहीं एडीएम सूर्यवंशी के अनुसार फैक्ट्री में दवा निर्माण में उपयोग होने वाला रॉ मटेरियल का निर्माण किया जाता है। जिसे हैदराबाद की दवा कंपनियों को सप्लाय किया जाता है। मिथेनॉल, क्लोरोफार्म व एसिटोन का उपयोग दवा निर्माण में ही होता है। दवा निर्माण में उपयोग होने वाले रॉ मटेरियल बनाने वाली फैक्ट्री में साफ-सफाई का बिल्कुल ध्यान नहीं रखा जा रहा था। गंदगी में काम किया जाना पाया गया है। इस पर भी कार्रवाई की जा रही है।
फैक्ट्री में जांच की जाएगी। जांच पूरी होने के बाद ही कोई निर्णय किया जाएगा। बतादें कि एडीएम नरेंद्र सूर्यवंशी ने बताया कि सूचना मिली थी कि नागझिरी उद्योगपुरी में ओमकार केमिकल फैक्ट्री में बड़ी मात्रा में मिथेनाल रखा हुआ है। इस पर ड्रग इंस्पेक्टर धर्मसिंह कुशवाह और बसंतदत्त शर्मा मौके पर पहुंचे थे। जांच के दौरान अधिकारियों को फैक्ट्री में 8700 लीटर मिथेनॉल मिला। इसके अलावा क्लोरोफार्म व एसिटोन भी काफी मात्रा में मिला है। इन केमिकल को रखने व उपयोग करने के लिए मप्र पाइजन रूल्स के तहत लाइसेंस होना जरूरी है।
फैक्ट्री संचालक हेमंत छारी अधिकारियों को लाइसेंस नहीं दिखा सके। इस पर केमिकल को जब्त कर संचालक की सुपर्दगी में ही सौंप दिया है। जांच पूरी होने तक इसका उपयोग नहीं किया जा सकेगा। एडीएम सूर्यवंशी के अनुसार केमिकल को जब्त कर उसे रखने की व्यवस्था नहीं है। वहीं परिवहन के दौरान भी कोई हादसा हो सकता है। इस कारण फिलहाल फैक्ट्री संचालक की सुपर्दगी में ही सौंपा गया है। जांच पूरी होने तक संचालक इनका उपयोग नहीं कर सकेगा।